विशेष अदालत ने राजा भैया और उनके चार करीबियों के खिलाफ DSP जियाउल हक हत्याकांड की CBI जांच जारी रखने का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजा भैया के खिलाफ चल रहे CBI जांच पर रोक लगा दी थी। मंगलवार यानी 26 सितंबर को जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है।
DSP जियाउल हक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ डीएसपी हक की पत्नी परवीन आजाद ने सुुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि हाईकोर्ट नेजांच और आगे की जांच के संदर्भ में बहुत ही तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में माना था कि विशेष अदालत का आदेश मामले की पुन जांच के समान है।
राजा भैया और गुलशन यादव का आया था नाम
शीर्ष अदालत ने विशेष अदालत द्वारा मामले की आगे जांच करने के आदेश को बहाल करते हुए कहा कि इसमें कोई त्रुटि नहीं है। विशेष अदालत ने 8 जुलाई, 2014 को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए अपने आदेश में विधायक राजा भैया के अलावा, कुंडा नगर पंचायत के तत्कालीन अध्यक्ष गुलशन यादव और गुड्डू सिंह, हरिओम श्रीवास्तव और रोहित सिंह की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया था।
इस मामले में सीबीआई द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किए जाने पर डीएसपी हक की पत्नी ने विरोध में याचिका दाखिल की थी। इसी पर विशेष अदालत ने आगे जांच करने का आदेश दिया था। इस आदेश को उच्च न्यायालय ने रोक लगा थी। इसके बाद हक की पत्नी सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। हक की पत्नी ने अपनी शिकायत में राजा भैया, गुलशन यादव और अन्य का नाम लिया था।
2013 में डीएसपी जिया उल हक की हुई थी हत्या
डीएसपी जिया उल हक वर्ष 2013 में 2 मार्च को प्रतापगढ़ जिला के कुंडा इलाके के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे थे। हक मौके पर पहुंचने के बाद पीड़ित को अस्तपताल ले गए थे, लेकिन उन्हें बचा नहीं पाए। अस्पताल से शव को गांव लाने के बाद करीब 300 से अधिक लोगों की भीड़ ने डीएसपी हक को घेर लिया। बाद में उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई।