राजस्थान के कोटा में एक और प्रतियोगी छात्र ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को कोटा में उत्तर प्रदेश के एक छात्र की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई। इस साल शहर में स्टूडेंट के सुसाइड करने का यह 26वां मामला है। अधिकारियों ने बताया कि छात्र अपने दम पर नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर साल लाखों छात्र-छात्राएं राजस्थान के कोटा शहर में आते हैं।
कमरे में फांसी पर लटका मिला यूपी के महाराजगंज जिले का 20 साल का स्टूडेंट तनवीर खान
कोटा के डीएसपी खिव सिंह राठौड़ ने बताया कि यूपी के महाराजगंज जिले के रहने वाले 20 साल के स्टूडेंट तनवीर खान का शव बुधवार दोपहर को कृष्णा विहार कॉलोनी के कुन्हारी स्थित उसके किराए के फ्लैट में पंखे के सहारे फांसी से लटका हुआ मिला। तनवीर खान अपने पिता और छोटी बहन के साथ फ्लैट में रहकर सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसके पिता यहां एक कोचिंग सेंटर में टीचर हैं। तनवीर फिलहाल किसी कोचिंग क्लास में नहीं जाता था।
पुलिस को नहीं मिला कोई सुसाइड नोट, पोस्टमार्टम के बाद पिता को सौंपा गया छात्र का शव
इस मामले में कुन्हारी पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर नवल किशोर ने कहा कि मृतक छात्र के फ्लैट से अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस टीम छात्र की संदिग्ध आत्महत्या के पीछे का असली कारण पता करने की कोशिश में लगी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद तनवीर का शव उसके पिता को सौंप दिया। इससे पहले मेडिकल और इंजीनियरिंग के कोचिंग हब के रूप में मशहूर कोटा में 28 अगस्त को दो और 16 अगस्त को एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली थी।
कोचिंग, पीजी, हॉस्टल, वार्डन, मेस वर्कर और टिफिन वाले से भी सलाह ले रही है पुलिस
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान के कोचिंग हब कहलाने वाले कोटा शहर में एनईईटी (NEET) से संबंधित छात्रों की आत्महत्याओं की खबरें आई हैं। कोटा के कई लोग इसके लिए छात्रों में पढ़ाई के दबाव और फेल होने के डर को जिम्मेदार मानते हैं। प्रशासन के दखल के बाद इस मामले में कोचिंग वाले अब हॉस्टल और पीजी में रहने वाले छात्रों में अवसाद या तनाव के किसी भी लक्षण का पता लगाने के लिए वार्डन, मेस कर्मचारियों और टिफिन सेवा देने वालों की मदद ले रहे हैं।
स्टूडेंट सुसाइड के बढ़ते मामले पर लगाम के लिए कोटा प्रशासन ने किए एहतियातन उपाय
शहर में जिला प्रशासन ने हाल ही में कई स्टूडेंट की आत्महत्याओं के मद्देनजर कोचिंग संस्थानों को अगले दो महीनों के लिए एनईईटी और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए नियमित परीक्षण आयोजित करने से रोकने का निर्देश दिया था। वहीं, जिला प्रशासन ने कोचिंग क्लासेस को फ्री आवर रखने, काउंसलिंग करने और प्रेशर हैंडल करने की मनोवैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने की अपील की थी।