आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को स्वामी रामानुजाचार्य की याद में बनाए गए स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी पहुंचे. उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने हैदराबाद शहर के बाहरी इलाके में मुचिन्तल में चिन्ना जीयार स्वामी आश्रम में आयोजित होने वाले रामानुजाचार्य सहस्राब्दी समारोहमें हिस्सा लिया और स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी के दर्शन किए.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी को 11वीं सदी के वैष्णव संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में यहां 216 फुट ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ प्रतिमा का अनावरण किया था और इस प्रतिमा को राष्ट्र को समर्पित किया. रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था. श्री रामानुजाचार्य की समानता के संदेश की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार इसी भावना वाले सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ देश के नए भविष्य की नींव रख रही है.
‘पंचधातु’ से बनी है प्रतिमा
यह प्रतिमा ‘पंचधातु’ से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है.
यह 54 फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम ‘भद्र वेदी’ है. अब इसमें भी देखिए कि 5+4 जोड़ेंगे तो पूर्णांक 9 ही आता है. संत रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया था. रामानुजाचार्य का जन्म 1017 में श्रीपेरुंबदूर में हुआ. उन्होंने पूरे भारतवर्ष की यात्रा की. उन्होंने सभी समाजों की जीवनचर्या को समझा. उन्होंने भेदभाव के खिलाफ आध्यात्मिक आंदोलन को बढ़ावा दिया और हजारों वर्ष पहले ही बता दिया कि ईश्वर मानवरूप में है. उनके जन्म वर्ष का भी योग निकालेंगे तो 1+0+1+7 बराबर 9 निकलता है.
इस मूर्ति की परिकल्पना करने वाले रामानुज संप्रदाय के अध्यात्म प्रमुख त्रिदांडी चिन्ना जीयर स्वामी ने टीवी 9 को इस बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि मंदिर में एक और मूर्ति बनाई जाएगी, जो 120 किलो शुद्ध सोने की 54 इंच ऊंची मूर्ति होगी. इसका मूल योग भी 9 आता है. इसी तरह परिसर में 108 दिव्यदेशम बनाए गए हैं. 108 का योग भी 9 होता है.