देशभर में 16 फरवरी को रविदास जयंती मनाई जा रही है। चुनावी घमासान के बीच रविदास जयंती पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रविदास जन्मस्थली पर माथा टेका। वहीं पीएम मोदी ने भी दिल्ली में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर दर्शन किया।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वाराणसी के रविदास मंदिर में दर्शन करने के बाद लंगर में खाना खाया। वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह रविदास मंदिर पहुंचेंगे। बता दें कि वाराणसी मंदिर में सबसे पहले पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी 4 बजे ही पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि मैं यहां गुरु रविदास जी का आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने कहा कि मैं अपने गुरू के घर आया हूं।
पीएम मोदी ने दिल्ली में किया दर्शन: पीएम मोदी ने इस मौके पर एक ट्वीट में लिखा, “रविदास जयंती के पुण्य अवसर पर आज मैंने दिल्ली के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर दर्शन किए। सभी देशवासियों को रविदास जयंती की शुभकामनाएं।” वहीं दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा कि संत रविदास जी का यह पवित्र धाम जन-जन के लिए एक प्रेरणास्थल है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि एक सांसद के रूप में मुझे यहां के विकास कार्यों को पूरा करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
प्रियंका गांधी ने लिखा: अलावा प्रियंका गांधी ने वाराणसी में रविदास मंदिर में माथा टेकने के बाद अपनी फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि “न तसवीस खिराजु न माल ।। खउफ न खता न तरस जवाल…काइम दाइम सदा पातिसाही, दोम न सेम एक सो आही…जो हम सहरी, सु मीत हमारा।।” हर साल की तरह आज के दिन वाराणसी स्थित संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज की जन्मस्थली पर मत्था टेकूंगी। आज भाई के साथ जाने में और भी ख़ुशी हो रही है।
जानें रविदासिया समुदाय का चुनावी प्रभाव: दरअसल पंजाब के दोआब क्षेत्र में 23 सीटें ऐसी हैं तो जहां लगभग 61% (11.88 लाख) दलित, रविदासिया समुदाय से हैं। वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव 20 फरवरी को होना है। ऐसे में तमाम प्रमुख दलों के नेता रविदास मंदिर में जाकर मत्था टेक रहे हैं। माना जा रहा है कि वो रविदास के भक्तों को अपने पाले में करने की जुगत में हैं।
बता दें कि पंजाब में संत रविदास के प्रभाव को इस तरह से भी समझा जा सकता है कि पहले पंजाब में चुनाव की तारीख 14 फरवरी तय की गई थी। लेकिन तीन दिनों तक चलने वाली रविदास जयंती को लेकर कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इसे आगे टालने के लिए कहा।
पत्र में कहा गया कि 16 फरवरी से वार्षिक तीन दिवसीय मेले को लेकर पंजाब के रविदास समुदाय के लोग बड़ी संख्या में वाराणसी की यात्रा में होंगे। ऐसे में कई लोग वोट नहीं दे सकेंगे। बता दें कि इस मांग को देखते हुए चुनाव आयोग ने भी तारीख 14 से 20 फरवरी कर दी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी दलितों की आबादी अच्छी संख्या में हैं। आंकड़ो के मुताबिक यूपी में करीब 20 फीसदी दलित मतदाता है। वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान इस समुदाय पर हर राजनीतिक दल की नजर गड़ी हुई है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया: बता दें कि तमाम प्रमुख दलों के नेताओं द्वारा चुनावी मौसम में रविदास मंदिर में जाने की लगी होड़ को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि, चुनाव के लिए क्या-क्या करता है इंसान। वहीं एक यूजर(@r_ravikumar) ने पीएम मोदी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि फिर भी पंजाब वोट नहीं मिलेगा।