श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने गुरुवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में गलत तरीके से दायर जमानत याचिका वापस ले ली। 17 दिसंबर को आफताब ने कहा था कि, उसने ‘वकालतनामा’ पर हस्ताक्षर किए थे, पर जमानत अर्जी दाखिल करने के बारे में नहीं जानता था। हालांकि, जब अदालत ने आफताब से पूछा कि क्या जमानत याचिका लंबित होनी चाहिए, तो पूनावाला ने कहा, मैं चाहूंगा कि वकील मुझसे बात करें और फिर जमानत याचिका वापस ले लें। आफताब ने 16 दिसंबर को जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी।
आगे से मिस कम्युनिकेशन नहीं होगा – वकील
साकेत कोर्ट दिल्ली से श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब की जमानत याचिका वापस लेने के बाद आफताब के वकील अबिनाश कुमार ने कहाकि, सोमवार को 50 मिनट तक आफताब से बात हुई उसके बाद तय हुआ कि जमानत को वापस ले लेंगे। आफताब के वकील ने कोर्ट को बताया कि, ये याचिका गलतफहमी के चलते दायर हो गई थी और आगे से मिस कम्युनिकेशन नहीं होगा।
न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ी
कोर्ट ने नौ दिसंबर को आफताब की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी। उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।
सीएफएसएल से डीएनए और एफएसएल से पॉलीग्राफ परीक्षण मिला
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि, महरौली के जंगल में बरामद हड्डियों से निकाले गए डीएनए के उसके पिता के नमूनों से मेल खाने के बाद हत्या की क्रूरता की आधिकारिक पुष्टि हुई है। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा था कि, पुलिस को केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से डीएनए परीक्षण रिपोर्ट और एफएसएल, रोहिणी से पॉलीग्राफ परीक्षण प्राप्त हुआ है।
श्रद्धा की मृत्यु की आधिकारिक घोषणा से परहेज
हालांकि, उन्होंने श्रद्धा की मृत्यु की आधिकारिक घोषणा करने से परहेज किया क्योंकि तीसरी, नार्को-टेस्ट रिपोर्ट अभी भी आना बाकी है। पूनावाला का पोस्ट-नार्को टेस्ट भी 2 दिसंबर को संपन्न हुआ था। एफएसएल अधिकारियों द्वारा तिहाड़ जेल के अंदर उसका परीक्षण किया गया था।