उत्तराखंड में गुरुवार (27 अप्रैल, 2023) को भारी बर्फबारी के बीच भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोल दिए गए। बर्फबारी के बीच भी श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए और खुशी से नाचते-झूमते दिखाई दिए। इससे कुछ दिन पहले ही केदारनाथ के भी कपाट खोल दिए गए थे और श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना शुरू कर दिया है। बद्रीनाथ में कपाट खुलने के बाद मंदिर में पहली पूजा और आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर हुई। मंदिर को 15 टन से भी ज्यादा फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलने से पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर पहुंच गए। मंदिर के कपाट सुबह 7:10 बजे भक्तों के लिए खोल दिए गए।
आज मंत्रों के उच्चारण और रीति-रिवाज के साथ श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए। उत्तराखंड के चमोली जिले में बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच श्री बद्रीनाथ मंदिर है। अलकनंदा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित मंदिर भगवान बद्रीनाथ की स्वयंभू शालिग्राम पत्थर की मूर्ति का घर है।
बद्रीनाथ का पवित्र मंदिर वैष्णवों द्वारा पूजे जाने वाले भगवान विष्णु के 108 अवतारों में से एक हैं। बद्रीनाथ मंदिर के साथ बद्रीनाथ शहर में पंच बद्री मंदिर हैं। बद्रीनाथ नगर में योग ध्यान बद्री, भविष्य बद्री, आदि बद्री और वृद्ध बद्री भी देखे जा सकते हैं। बद्रीनाथ, जिसे बदरी विशाल भी कहा जाता है, आदि श्री शंकराचार्य द्वारा हिंदू धर्म की खोई हुई प्रतिष्ठा को बहाल करने और राष्ट्र को एकजुट करने के लिए फिर से स्थापित किया गया था। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा नारद कुंड से प्राप्त की गई थी और इस मंदिर में 8वीं शताब्दी ईस्वी में फिर से स्थापित की गई थी। बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड में चारधाम का हिस्सा है, जिसमें केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल हैं।
बद्रीनाथ मंदिर दर्शन के लिए भक्त हवाई जहाज, ट्रेन और सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं। हवाईजहाज से यहां तक पहुंचने के लिए जॉली ग्रांट हवाई अड्डा बद्रीनाथ मंदिर का सबसे नजदीक एयरपोर्ट है। यह बद्रीनाथ से 314 किमी दूर है। हवाई अड्डे से आगे सड़क मार्ग से यात्रा करनी होगी। बद्रीनाथ और जॉली ग्रांट हवाई अड्डे के बीच अच्छी सड़की हैं। वहीं, बद्रीनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन NH58 पर बद्रीनाथ से 295 किमी पहले स्थित है। बद्रीनाथ को प्रमुख स्थलों से जोड़ने वाली कई मोटर योग्य सड़कें हैं। उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों से बद्रीनाथ के लिए बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 द्वारा गाजियाबाद से जुड़ा हुआ है।