अग्निपथ योजना को लेकर कई सवाल हैं जो उठ रहे हैं। आज देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख ने एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सभी सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। इसके साथ ही स्पष्ट किया कि रिक्रूटमेंट प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि कोई अग्निवीर कहीं बाहर देश के लिए लड़ता हुआ मिलता है तो उसे परमवीर चक्र से सम्मानित भी किया जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, अगले दो से तीन हफ्ते में इस योजना से जुड़ी सभी चीजें और साफ हो जाएंगी जो कहा जा रहा है वही होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “अग्निपथ योजना के तहत जो भी बेस्ट ट्रेनिंग हो सकती है दी जाएगी और इसके लिए सभी सर्विसेज़ ने इसपर मंथन किया है। ये मंथन यूं ही नहीं है। डिफेंस ऐनलिस्ट कई सालों से लिख रहे हैं उसे हमने देखा और फिर उसपर काम होगा।”
अग्निपथ योजना के लॉन्च का समय
अग्निपथ योजना के लॉन्च के समय पर उठ रहे सवालों पर इसपर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि “हमारा बस चलता तो इसे 1990 में ही कर लेते लेकिन जो चीजें आपको बताईं उसको करते करते समय निकलता गया और अवसर हमारे हाथ में नहीं था। पिछले दो सालों में हमें वजह मिली और हमने रिक्रूटमेंटकी प्रक्रिया रोकी और आज सभी को वजह मालूम है। युवाओं को, हमें और सभी को इसकी घोषणा से अधिक प्रभाव न पड़े इसका खास ख्याल रखा गया।”
रिक्रूटमेंट प्रक्रिया और रेजीमेन्ट
अग्निपथ योजना के तहत रिक्रूटमेंट प्रक्रिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि “इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। 5 साल पहले जो रिक्रूटमेंट प्रक्रिया थी या 2 साल पहले जो रिक्रूटमेंट थी या 5 दिन बाद जो होगा, इसकी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। तीनों सर्विसेज़ के लिए जो प्रक्रिया थी उसे वैसे ही रखा गया है जैसा कि पहले था। ऑल इंडिया ऑल क्लास में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, हम पहले जो थे आज भी ऑल इंडिया ऑल क्लास रहेंगे। रेजीमेंट की प्रक्रिया में भी कोई बदलाव नहीं किया होगा जो पहले था वही आगे भी रहेगा।
पुलिस वेरिफिकेशन
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने स्पष्ट किया कि विरोध में शामिल होने वालों के लिए मुश्किलें होंगी। उन्होंने कहा, “आपने देखा पिछले कुछ दिनों में विरोध, हिंसक प्रदर्शन हुए उसके लिए आज भी कोई जगह नहीं है। पुलिस वेरिफिकेश हमेशा होती थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में काफी विरोध परदर्शन और हिंसा देखने को मिली है इसलिए हम इसकी पुलिस वेरीफिकेशन और प्लेज हम लेंगे। जो सर्विसेज़ ट्रेनिंग कर रहे हैं उसमें कोई बदली नहीं हुई है।”
सिलेक्शन सिस्टम
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने सिलेक्शन सिस्टम पर कहा, “आज भी एक वैकेन्सी के लिए, भर्ती होने के लिए 50 से 60 लोग अप्लाइ करते हैं जिसमें से केवल एक ही सिलेक्ट होता है। 49-59 लोग वापस जा रहे हैं। हमको जरूरत क्या है? हमको जरूरत है देश के लिए बेस्ट लेने की। हम 2nd बेस्ट नहीं ले सकते क्योंकि हमारा काम सिल्वर मेडल से नहीं चल सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “ये प्रोसेस पारदर्शी होगा, सेलेक्टिव होगा और अब्जेक्टिव होगा और सेंट्रली मैन्टैन होगा। कई आर्टिकल लिखे गए हैं कि आप कमांडिंग ऑफिसर को इसका जिम्मा दे रहे हैं। आज भी कमांडिंग ऑफिसर जो जमीन के ऊपर है आगे तैनात है वो आज भी अपने हर एक यंग जवान पर बैठकर लिखता है। वो लिखता है कि उसे क्या ट्रेनिंग देनी है, किस हथियार या मिसाइल या रडार की ट्रैनिंग देनी है और किस दिशा में वो आगे जाएगा। लेकिन इन लोगों को सिलेक्ट करने के लिए अब्जेक्टिव सिस्टम बनाएगा और इसे सेंट्रली मैन्टैन किया जाएगा। ताकि हम अब्जेक्टिव का इनपुट लेंगे और कौन सिलेक्ट होगा इसे एक बोर्ड तय करेगा।
वीरता पुरस्कार से भी किया जाएगा सम्मानित
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने “तीनों सेनाओं में रक्षा मंत्री वित्त मंत्री के साथ छोटा-मोटा बदलाव कर सकते हैं ताकि उन्हें और सशक्त बनाया जा सके। सेनाओं पर आपका विश्वास बना रहे इसकी बहुत आवश्यकता है। आखिर में हम कहेंगे कि हमें बेस्ट चाहिए और क्यों चाहिए? क्योंकि ये देश की रक्षा का सवाल है। हम चाहते हैं कि अग्निवीर देश की सेवा करे और सिस्टम उसे सपोर्ट करे। अगर कल को आज से 4 या पाँच साल बाद अग्निवीर कहीं बाहर लड़ता हुआ मिलेगा तो उसे परमवीर चक्र मिलेगा।”