त्रिपुरा मामले पर शाह के दफ्तर के बाहर TMC सांसदों का धरना, SC ने सुनवाई के लिए भरी हामी

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त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को तृणमूल की नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार करने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात पर अड़े TMC के 16 सांसदों ने उनके दफ्तर के बाहर धरना शुरू कर दिया है। उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली में होने वाली मुलाकात के दौरान यह मुद्दा भी वह उठाने जा रही हैं।

ममता ने कहा कि त्रिपुरा में पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले का विरोध कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के साथ एकजुटता व्यक्त करूंगी। यानि उन्होंने संकेत दिया कि अगर अणित शाह ने उनके सांसदों से मुलाकात नहीं की तो वह खुद भी धरने पर बैठ सकती हैं। ममता ने कहा कि दिल्ली दौरे पर मोदी से बातचीत में वह बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार का मुद्दे पर भी बात करेंगी। ममता बनर्जी के आज दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि त्रिपुरा मामले पर कोई समाधान नहीं निकला तो दौरा सरगर्म रह सकता है।

ध्यान रहे कि सायानी पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा के दौरान उन्हें धमकी देने का आरोप है। उन्हें अरेस्ट के विरोध में विरोध में ममता के 16 सांसद दिल्ली पहुंचे। तृणमूल सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की। तृणमूल नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि हम चाहते हैं कि गृह मंत्री हमारी बात सुनें। त्रिपुरा में हो रही हिंसा के लिए शाह और मोदी दोनों को जवाब देने की जरूरत है। सांसद सौगत रॉय ने भाजपा शासित त्रिपुरा में अव्यवस्था की स्थिति होने का आरोप लगाया क्योंकि सायानी घोष को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था।

त्रिपुरा पुलिस ने रविवार देर शाम को सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने शनिवार रात खेला होबे के नारे लगाकर राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की एक बैठक को बाधित कर दिया था। पुलिस ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल युवा इकाई की सचिव सायानी घोष को अगरतला के एक पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

उधर, एक अन्य घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस की उस याचिका पर 23 नवंबर को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमति जताई, जिसमें आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले विपक्षी दलों के खिलाफ हिंसक घटनाओं को रोकने में विफल रहने के लिए त्रिपुरा सरकार और अन्य के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की जाएगी। टीएमसी की तरफ से पेश अधिवक्ता अमर दवे ने कहा कि न्यायालय के 11 नवंबर के आदेश के बावजूद राज्य में स्थिति बिगड़ती जा रही है।

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