पश्चिम बंगाल में बच्चों में फैली एडिनो वायरस बीमारी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते 48 घंटों में इस बीमारी से 8 बच्चों की मौत हुई है। बात बीते 24 घंटों की करें तो एडिनो वायरस की चपेट में आकर 4 बच्चों ने दम तोड़ा। कोलकाता के एक अस्पताल में मंगलवार शाम से एडिनो वायरस से संबंधित लक्षणों वाले चार और बच्चों की मौत की सूचना मिली है। सूत्रों ने कहा कि चार में से बी.सी. रॉय चिल्ड्रन अस्पताल में मंगलवार शाम को दो की मौत हो गई, जबकि अन्य दो की मौत बुधवार सुबह और देर दोपहर के बीच हुई। मंगलवार शाम को जिन दो बच्चों की मौत हुई, उनमें से एक 14 महीने का है और उत्तर 24 परगना जिले के राजारहाट इलाके का निवासी है, और दूसरा 35 महीने का है और उसी जिले के इच्छापुर का निवासी है। बीते 24 घंटों में मरने वाले चारों बच्चों को खांसी, सर्दी और सांस लेने में गंभीर समस्याओं के वायरस से संबंधित लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
बुखार और सांस लेने में परेशानी से जूझ रहे बच्चे-
बुधवार को कथित तौर पर जिन दो बच्चों की मौत हुई, उनमें से एक उत्तर 24 परगना जिले के बदुरिया का चार महीने का बच्चा है। अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि उन्हें बुखार और सांस लेने में गंभीर समस्या के कारण भर्ती कराया गया था। बुधवार को मरने वाला दूसरा बच्चा नदिया जिले के नकाशीपारा का 11 महीने का लड़का था। उन्हें भी इसी तरह के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बीते सप्ताह सीएम ने दी थी यह जानकारी-
इससे पहले पिछले हफ्ते बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि एडिनो वायरस से संबंधित कुल मौतें 19 थीं, जिनमें से छह में वायरस के मामलों की पुष्टि हुई, जबकि शेष में कॉमरेडिटी थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 11 मार्च को जारी अधिसूचना में भी यही आंकड़ा उद्धृत किया गया था। हालांकि, उसके बाद इसमें से कोई मौत का आंकड़ा अपडेट नहीं किया गया था।
टास्क फोर्स में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं-
इस बीच, राज्य सरकार द्वारा एडिनो वायरस पर गठित टास्क फोर्स में विशेषज्ञ बाल रोग विशेषज्ञों के नहीं होने से सवाल उठे हैं। कंसल्टेंट फिजिशियन और बीजेपी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील खान के मुताबिक, यह काफी आश्चर्यजनक है कि एडिनो वायरस पर बनी टास्क फोर्स में एक भी चाइल्ड स्पेशलिस्ट को शामिल नहीं किया गया है, जबकि पीड़ितों में लगभग सभी बच्चे हैं। उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि राज्य सरकार समस्या से निपटने के लिए कितनी गंभीर है। इस टास्क फोर्स का गठन एक तमाशा के अलावा और कुछ नहीं है।
अनाधिकारिक तौर पर जनवरी से 147 मौत की बात-
शहर की फिजिशियन डॉ. अर्चना मजूमदार का मानना है कि ऐसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए टास्क फोर्स या कमेटी का गठन ही काफी नहीं है। उन्होंने कहा, आपातकालीन आधार पर अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है। अनौपचारिक स्रोत ने जनवरी की शुरुआत से आज तक 147 मौतों का आंकड़ा दिया है। लेकिन आधिकारिक तौ पर मौत के आंकड़ों को कहीं अपडेट नहीं किया गया है।