देश के पश्चिमी तट पर बिपरजॉय के कारण समुद्र की लहरें किनारों से टकरा रही हैं। तूफान को लेकर सरकार भी सतर्क है। केरल से लेकर मुंबई तक तटों पर अलर्ट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दोपहर एक बजे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर बैठक की। इस समीक्षा बैठक में बिपरजॉय से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई। इस बैठक में एनडीआरएफ और राहत बचाव कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल हुए। बता दें कि इस तूफ़ान के कारण गुजरात के तटों पर अलर्ट जारी हो गया है। 15 जून तक मछुआरों को प्रभावित इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
आइये जानते हैं इस तूफ़ान से जुड़ी 10 बड़ी बातें:
मौसम विभाग ने गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ में तटों को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा, “सौराष्ट्र और कच्छ के तटों पर समुद्र की स्थिति बुधवार तक खराब से बहुत खराब होने की संभावना है साथ ही गुरुवार को बहुत से बहुत खराब से ऊंची रहने की संभावना है।”
कच्छ जिले में अधिकारियों ने खतरनाक इलाकों से लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को आपात स्थिति से निपटने की समीक्षा के लिए स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर का दौरा किया था।
बिपरजॉय के कारण मुंबई में भारी बारिश हुई। इसका असर उड़ानों पर भी पड़ा है। रविवार रात कई उड़ानें बारिश की वजह से प्रभावित हुईं और यात्रियों को एयरपोर्ट पर घंटों इंतजार करना पड़ा।
पीएम मोदी ने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर बैठक की। इस बैठक में एनडीआरएफ और राहत बचाव कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।
आईएमडी ने 15 जून तक प्रभावित क्षेत्रों में मछुआरों को नहीं जाने की सलाह दी है। 12-15 जून के दौरान मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर में और 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों पर मछुआरों को नहीं जाने की सलाह दी गई है।
बता दें कि तूफान का नाम बिपरजॉय बांग्लादेश ने रखा था इसक अर्थ बंगाली में आपदा या विपत्ति होता है।
देवभूमि द्वारका में अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 1,300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मौसम विभाग ने बताया, “रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे, पालघर और कोल्हापुर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ बिजली चमकने और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसलिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
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मौसम विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे गुजरात, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप के समुद्र में मछली पकड़ने न जाएं।
चक्रवाती तूफान के अति गंभीर स्थिति में आने के बाद पाकिस्तान में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है।