नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 12 स्थानों पर छापेमारी जारी है। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हेराल्ड हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, यह कांग्रेस को जानबूझकर परेशान करने और छवि खराब करने के लिए एक राजनीतिक प्रतिशोध है । हमारे संविधान के अनुसार, एक सत्तारूढ़ दल के रूप में विपक्षी दलों को डराना सही नहीं है। कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ईडी ने सोनिया गांधी से तीन दिन पूछताछ की। राहुल गांधी से 5 दिन 50 घंटे पूछताछ की। अब या तो ED बिलकुल नाकारा बन चुकी है या भाजपा का इलेक्शन डिपार्टमेंट बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इस देश के असल मुद्दे महंगाई और बेरोजगारी है। आप कितने ही छापे मार लो, हम सड़क से संसद तक इन दो मुद्दों पर आवाज़ उठाते रहेंगे। श्रीनेता ने कहा कि मोदी सरकार ठीक वही कर रही है जो आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों ने किया था। अंग्रेजों ने बैन कर नेशनल हेराल्ड पर छापा मारा, ठीक यही मोदी सरकार कर रही है।
जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस-
नेशनल हेराल्ड जिसका प्रकाशन साल 1938 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने पांच हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर किया था। इस अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था। साल 2008 में घाटे के चलते यह अखबार बंद हो गया। इसके बाद साल 2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने AJL का अधिग्रहण कर लिया। यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में 76 फीसदी हिस्सेदारी राहुल गांधी और सोनिया गांधी की है. बाकी 24 फीसदी हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने महज 50 लाख रुपए में AJL कंपनी का अधिग्रहण किया, जबकि AJL की संपत्ति करीब 2000 करोड़ रुपए है।