ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) दिल्ली से मरीजों के लिए राहत खबर आई है। दरअसल दिल्ली एम्स अगले साल 1 जनवरी 2023 से ई-हॉस्पिटल प्रोग्राम लागू करने जा रहा है, जिसके जरिए AIIMS में मरीजों के लिए कई तरह की सुविधाएं पेपरलेस हो जाएगी। एम्स को पेपरलेस बनाने के लिए दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें एक निरीक्षण निगरानी समिति और कार्य समिति का गठन किया गया है। दोनों समितियां हर हफ्ते काम की जांच करेंगी।
इसके साथ ही बैठक में फैसला लिया गया है कि ओपीडी में आने वाले सभी पात्र मरीजों का अनिवार्य रूप से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में पंजीयन किया जाएगा। इसके अलावा स्लॉट नियम लागू किया जाएगा, जिससे एम्स में लगने वाली भीड़ को कम किया जा सकेगा।
NIC ने सभी विभागाध्यक्षों व केंद्रों के प्रमुखों को दी प्रस्तुति
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने एम्स को पेपर लेस बनाने के लिए हाल ही में एम्स के सभी विभागाध्यक्षों व केंद्रों के प्रमुखों को प्रेजेंटेशन दिया है, जिसमें ऑपरेशन थियेटर मॉड्यूल, नैदानिक मॉड्यूल,टेलीमेडिसिन मॉड्यूल सहित अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी दी है।
ओपीडी के लिए लागू किया जाएगा स्लॉट नियम, मेल के जरिए डॉक्टरों को मिलेगी जानकारी
ओपीडी के लिए स्लॉट नियम लागू किया जाएगा, जिसके जरिए रोजाना इलाज के लिए मरीजों की लगने वाली भीड़ को कम किया जा सकेगा। वहीं अगले दिन जिन डॉक्टरों की OPD में ड्यूटी रहेगी उनको मेल के जरिए सूचना मिलेगी। अगर कोई डॉक्टर छुट्टी में रहेगी तो उस आधार पर डॉक्टर की ड्यूटी लगेगी, जिसके बारे में भी मेल के जरिए सूचना दी जाएगी।
मरीजों को आसानी से घर बैठे मिल सकेंगी कई सुविधाएं
दिल्ली एम्स पेपरलेस होने के बाद मरीजों के बारे में सभी जानकारियां ऑनलाइन हो जाएगी, जिससे मरीजों को सालों-साल डॉक्टरों की पुर्जी संभालकर नहीं रखना पड़ेगा क्योंकि मरीज अपनी जानकारी डॉक्टर को ऑनलाइन ही दिखा पाएगा। इसके साथ ही डॉक्टरों के बारे में जानकारी , बेड के बारे में जानकारी, ओपीडी में मरीज को दिखाने के बारे में जानकारी सहित कई अन्य सुविधाओं के बारे में घर बैठे जानकारी ले सकेंगे। इसके अलावा अपनी मेडिकल हिस्ट्री घर बैठे देख सकेंगी।