देश को झकझोर देने वाले श्रद्धा वॉकर मर्डर केस में जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को लगता है कि आफताब की करतूत के बारे में उसके परिवार को शक हो गया था जिसके बाद परिवार दूसरी जगह शिफ्ट हो गया था। हैरान करने वाली बात है कि दूसरी जगह शिफ्ट होने क बाद आफताब का परिवार पुलिस के रडार से गायब हो गया था।
वसई बुलाकर आफताब का बयान दर्ज किया
रिपोर्टों की मानें तो मानिकपुर पुलिस ने जब वसई बुलाकर आफताब का बयान दर्ज किया उसके बाद ही उसका परिवार अज्ञात जगह पर शिफ्ट हो गया। पुलिस को शक है कि परिवार को अपने बेटे की जघन्य करतूत के बारे में जानकारी हो गई थी, इसलिए वे जल्दबाजी में दूसरी जगह शिफ्ट हो गए। उन्होंने पुलिस को दूसरी जगह जाने के बारे में जानकारी नहीं दी। बताया जा रहा है कि परिवार जब शिफ्टिंग कर रहा था तो उस समय आफताब भी घर पर आया था और वहां से अपना भी कुछ सामान समेटा।
आंखों में आंखें डालकर बात कर रहा था आफताब
पुलिस ने दूसरी बार पूछताछ के लिए आफताब को 3 नवंबर को बुलाया जिसके बाद इस हत्याकांड के बारे में और खुलासे हुए। फिर वसई पुलिस 8 नवम्बर को दिल्ली गई। वसई की मॉनिकपुर पुलिस ने जब आफताब का बयान दर्ज करना शुरू किया तो उसकी बॉडी लैंग्वेज बिल्कुल किसी प्रोफेशनल किलर जैसी थी। पुलिस के मुताबिक उसका झूठ पकड़े जाने के बावजूद वह आंखों में आंखें डालकर बात कर रहा था। उसे श्रद्धा की हत्या और बॉडी पार्ट्स को टुकड़ो में करके फेंकने का भी कोई अफसोस नहीं था, हालांकि उसके एक झूठ ने उसकी पोल खोल दी।
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26 अक्टूबर के दिन वसई पुलिस ने आफताब का पहली बार बयान लिया, लेकिन ये मौखिक बयान था। उस बयान में वो सिर्फ झगड़ा करके निकल जाने की बात कहता था जबकि 3 नवंबर को उसका लिखित बयान लिया गया। इस समय तक पुलिस कागजी दस्तावेज बैंक अकाउंट डिटेल्स मोबाइल लोकेशन हाथ में लेकर बैठी। इसके बाद आफताब के पास कोई जवाब नहीं था। श्रद्धा का फोन 26 मई को बंद हुआ। वसई पुलिस ने जांच में पाया कि श्रद्धा का फोन 22 मई से 26 मई के बीच ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल हुआ क्योंकि श्रद्धा के बैंक अकाउंट से 54000 रुपए आफताब के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रान्सफर हुए थे। जिस समय फोन से ऑनलाइन ट्रैंजैक्शन हुआ उस समय फोन का लोकेशन छतरपुर ही था।
झूठ से बेनकाब हो गया आफताब
10 और 11 नवम्बर के दिन जब वसई पुलिस और दिल्ली पुलिस ने एक साथ पूछताछ की तो आफताब ने बताया कि उसे श्रद्धा का मोबाइल पासवर्ड पता था और उसने ही श्रद्धा के फोन से पैसे ट्रान्सफर किए। वसई पुलिस के आफताब के बताए हुए ठिकानों, दिल्ली का पता, लोकेशन की जांच की और पाया कि आफताब बहुत से जानकारियां छिपा रहा है और गुमराह कर रहा है।