हरिद्वार हेट स्पीच मामले में यति नरसिम्हानंद के खिलाफ पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज कर लिया है। उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार को इस महीने की शुरुआत में हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के संबंध में दर्ज प्राथमिकी रिपोर्ट में दो और लोगों के नाम जोड़े हैं।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि दो संतों, यति नरसिम्हानंद गिरि और सागर सिंधु महाराज पर धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई घटना के वीडियो क्लिप के आधार पर उनके नाम प्राथमिकी में जोड़े गए हैं।
नरसिम्हानंद पर पहले भी भड़काऊ भाषणों के साथ हिंसा भड़काने का आरोप लग चुका है। इन्होंने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया था। वह चार दिन बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में शामिल होने वाले पांचवें व्यक्ति हैं। प्राथमिकी में शामिल अन्य लोगों में सागर सिंधु महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा और धर्म दास नाम के एक व्यक्ति के साथ-साथ वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी भी शामिल हैं। सभी पांचों पर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।
23 दिसंबर को दर्ज की गई प्रारंभिक प्राथमिकी में सिर्फ एक व्यक्ति का नाम था। वो थे शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रमुख वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी। इन्होंने हाल ही में हिंदू धर्म अपना लिया है और अपना भी नाम बदल लिया। 26 दिसंबर को, उत्तराखंड पुलिस ने प्राथमिकी में साध्वी अन्नपूर्णा, जिसे पूजा शकुन पांडे के नाम से भी जाना जाता है, और पुजारी धर्मदास महाराज के नाम जोड़े। अन्नपूर्णा हिंदुत्व संगठन हिंदू महासभा की महासचिव हैं।