दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। करीब 15 महीने की देरी से दायर की गयी इस याचिका पर अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को नोटिस जारी किया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 अगस्त, 2021 को पारित एक फैसले में शशि थरूर को मौत के मामले में आरोप मुक्त कर दिया था। लेकिन एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
शशि थरूर के वकील ने जताई आपत्ति
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की एकल पीठ ने शशि थरूर को इस मामले में नोटिस जारी किया। दिल्ली पुलिस ने मामले में 15 महीने देरी हो जाने का जिक्र कर इस मामले को फिरसे सुनने के लिए अदालत का रुख किया था। थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने पुनर्विचार याचिका दायर करने में 15 महीने की देरी पर आपत्ति जताई क्योंकि डिस्चार्ज का आदेश 18 अगस्त, 2021 को पारित किया गया था। पाहवा ने आगे कहा कि पुनरीक्षण याचिका की एक प्रति उनके क्लाइंट को नहीं दी गयी थी।
शशि थरूर के वकील ने मांग की कि पहले देरी के मामले पर चर्चा की जाए। इसके बाद हाईकोर्ट ने शशि थरूर को नोटिस जारी किया। पाहवा ने बताया कि कोर्ट ने देरी की याचिका पर सुनवाई की बात को स्वीकार कर लिया है।
क्या है सुनंदा पुष्कर हत्या मामला ?
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में मृत पाई गई थीं।शुरुआत में उनकी मौत को आत्महत्या माना गया था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या की गई थी। हालांकि तब पुलिस ने किसी संदिग्ध का नाम नहीं लिया था।
साल 2018 में दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने आरोप लगाया था। 8 अगस्त, 2021 को अदालत ने शशि थरूर को इस मामले में निर्दोष करार दे दिया था।