जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर (Srinagar) में आतंकियों ने एक बार फिर कायराना हरकत करते हुए सोमवार को शहर के बाहरी हिस्से में पुलिस की बस पर गोलीबारी की. इसमें हमले में शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या तीन हो गई है. संसद पर हुए हमले की 20वीं बरसी पर आतंकियों द्वारा की गई कायराना हरकत में 13 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. पुलिस ने देर रात स्पष्ट किया कि हमला जैश ए मोहम्मद के बनाए कश्मीर टाइगर्स ग्रुप के तीन आतंकियों ने किया था. पुलिस ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी घायल भी हुआ है.
बताय गया है कि श्रीनगर बस हमले में शहीद होने वाले तीसरे पुलिसकर्मी की पहचान कॉन्सटेबल रमीज अहमद के रूप में हुई है. आतंकी हमले में सहायक उप निरीक्षक गुलाम हसन और शफीक अली भी शहीद हो गए. मंगलवार को पुलिस लाइन्स, रियासी में शफीक अली को श्रद्धांजलि दी गई है.
जैश-ए-मोहम्मद ने ली जिम्मेदारी
वहीं, जम्मू-कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि हमले के दौरान बस में 25 जवान बैठे हुए थे. बस कैंप तक पहुंचने वाली थी, लेकिन 300 मीटर पहले ही आतंकियों ने बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. उन्होंने बताया कि इस हमले को तीन आतंकियों को अंजाम दिया है, जिसमें से दो विदेशी आतंकी थे, जबकि एक लोकल आतंकवादी था. कुमार ने बताया कि हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. हमला होने पर जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी भी घायल हुआ, जो त्राल की ओर भाग गया. उन्होंने कहा कि आतंकियों की धरपकड़ जारी है. इन आतंकियों का इरादा हथियारों को लूटने का था. आईजी ने कहा कि आतंकियों को इस बस के बारे में मालूम था और उन्होंने इलाके की रेकी की हुई थी. ये पूरी तरह से प्लान करके किया गया हमला था.
शहर के बाहरी हिस्से में स्थित जेवान में हुए इस हमले को लेकर राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आतंकवादी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) के अलावा मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने भी हमले की कड़ी निंदा की.
पुलिस की नौवीं बटालियन पर हुआ हमला
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम पंथा चौक क्षेत्र के जेवान में 25 पुलिसकर्मियों को ले जा रही बस पर आतंवादियों ने गोलीबारी की. अधिकारियों ने बताया कि हमले में जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस की नौवीं बटालियन के कम से कम 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद घायल पुलिसकर्मियों को आनन-फानन में नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया, जहां सोमवार को इनमें से दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. वहीं, तीसरे पुलिसकर्मी रमीज अहमद ने मंगलवार सुबह दम तोड़ा. जान गंवाने वालों में सशस्त्र पुलिस का एक सहायक उप-निरीक्षक भी शामिल है.
धरपकड़ जारी
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने बताया कि इस हमले में दो से तीन आतंकवादी शामिल थे और अंधेरे का फायदा उठाकर वे फरार हो गए. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. आतंकवादियों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हमला किया था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में सभी पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था. हमले की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना जतायी.