विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और मणिपुर मामले में उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। राज्य सभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के 31 सदस्यों ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की और मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति को विशेष रूप से मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पुनर्वास और अन्य स्थितियों के बारे में जानकारी दी… हमारी मुख्य मांग है कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए और राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।”
विपक्षी सांसदों के जोरदार विरोध के बीच केंद्र ने विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार है और उन्होंने इस पर आपत्ति को “राजनीति से प्रेरित” बताया। इस कानून को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच विवाद है। सांसद प्रल्हाद जोशी आज राज्यसभा में खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 पेश करेंगे।
अभी भी विपक्षी सांसद अपनी मांग को दोहराते हुए मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर सदन में आकर बयान दें। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 8 अगस्त का दिन तय हो चुका और 10 अगस्त को पीएम मोदी सदन में बयान देंगे।
सरकार समय पर सतर्क होती तो रोकी जा सकती थी नूंह की घटना: सांसद दीपेंद्र एस.हुड्डा
हरियाणा के सांसद दीपेंद्र एस.हुड्डा ने कहा, “नूंह में जो घटना घटी है वह बड़ी प्रशासनिक विफलता है। अगर सरकार समय पर सतर्कता लेती, पुलिस प्रशासन तैनात किया जाता तो यह घटना टाली जा सतकी थी। उपमुख्यमंत्री (दुष्यन्त चौटाला) और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का बयानों में भी प्रशासनिक विफलता की बात है।”
दिल दहला देने वाली है नूंह की घटना : फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि नूंह में जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाला है। धर्म को लेकर लड़ना भारत के लिए अच्छा नहीं है। भारत सबका देश है और यहां हर धर्म को आगे बढ़ने का अधिकार है।