ऐसा लगता है कि MVA अब टूटने के कगार पर है। एक तरफ कांग्रेस और शरद पवार की मौजूदगी में संयुक्त विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं सीएम की कुर्सी जाने के बाद शिवसेना ने दोनों पार्टियों से अलग स्टैंड लेकर एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मु का समर्थन करने का ऐलान किया है। कहने की जरूरत नहीं कि उद्धव का ये फैसला कांग्रेस और शरद पवार को रास नहीं आएगा।
उधर उद्धव के धुर विरोधी और महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी के दिशा निर्देशन में उनके सभी विधायक द्रोपदी मुर्मु के पक्ष में वोटिंग करेंगे। शिंदे का कहना है कि एनडीए उम्मीदवार का राष्ट्रपति बनना तय है और एक आदिवासी महिला का इस पद पहुंचना बहुत अहम बात है।
हालांकि शिवसेना सांसद संजय राउत ने सुबह ही इस बात का संकेत दे दिया था। एक ट्वीट में राउत ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना की एक बैठक का जिक्र किया। उनका कहना था कि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नाम पर पार्टी ने विचार किया। लेकिन उन्हें समर्थन का मतलब बीजेपी को सपोर्ट करना नहीं है। इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे ही लेंगे।