अयोध्या में 1000 एकड़ भूमि पर बनेगा रामायण परिसर, रामलीलाओं से सजेगी धरती

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अयोध्या. राम जन्मभूमि का मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है। ट्रस्ट के मुताबिक 24 जनवरी तक भगवान श्री राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। और 2025 तक परिसर जो विकसित करने की भी तैयारी है। इसके साथ ही नई पीढ़ियों के लिए ट्रस्ट रामायण परिसर बनाने की तैयारी में जुटा है। जिसमें भगवान राम से संबंधित जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने की लीलाएं चित्रण दिखाया जाएगा।सूत्रों की मानें तो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 500 से 1000 एकड़ जमीन की खोजबीन भी कर रहा है।
अयोध्या में 1000 एकड़ भूमि पर बनेगा रामायण परिसर, रामलीलाओं से सजेगी धरती

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि रामायण परिसर बनाने का यही उद्देश्य है जो युवा पीढ़ी धार्मिक चीजों से अछूत रहते हैं उनको धर्म के बारे में बताया जाए वही प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि भगवान राम के विभिन्न रूपों को दिखाने के लिए परिसर बनाने की योजना है उस परिसर में भगवान राम के जन्म से लेकर गुप्तार घाट तक गुप्त होने तक लीलाएं दिखाई जाएंगी उन्होंने बताया कि अभी मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है उसके बाद भगवान राम से संबंधित जो उनके कर्तव्य थे जो उन्होंने किया था उसकी जानकारी देने के लिए युवा पीढ़ी जो धार्मिक क्षेत्र से हट रहे हैं। उन्हें धार्मिक क्षेत्र में अपने महापुरुषों के बारे में जानकारी देने के लिए यह योजना श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बना रही है।

राम कथा के नाम से केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट

प्रकाश गुप्ता ने बताया कि ऐसी ही योजना राम कथा पार्क केंद्र सरकार ने अयोध्या के माझा में बनाने के लिए ऐसा एक प्रोजेक्ट तैयार किया था लेकिन वह अधर में लटक गया उसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा जमीन भी ली जा चुकी थी हमारे पास बहुत योजनाएं हैं भगवान राम के मंदिर बनने के बाद यात्रियों के सुख सुविधाओं के लिए उसका अध्ययन किया जा रहा है भगवान राम के विभिन्न रूपों को दिखाने के लिए परिसर बनाने की योजना है।

रामायण कालीन भूमि को विकसित करने की योजना

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक रामायण परिसर की योजना जो है 2014 में रामकथा कुंज के नाम से थी और रामकथा कुंज मैं भगवान राम के जीवन चरित्र को जन जन तक पहुंचाने के लिए जो हमारी वर्तमान पीढ़ी है जो हमारी आने वाली पीढ़ी है उसको मालूम होना चाहिए कि रामलला का जन्म और उनके बाद जो उनकी लीला है विद्या अर्जन करना राक्षसों का वध करना लंका विजय करना और राज्याभिषेक से लेकर गुप्तार घाट में गुप्त होने तक का रामायण का जो प्रसंग है उसी अनुसार रामायण कालीन इस भूमि को विकसित करने की योजना 2014 में बनी थी वैसे यह योजना 1991 में जब कल्याण सिंह की सरकार थी उस समय राम कथा कुंज के नाम पर श्री राम जन्म भूमि न्यास को 67 एकड़ भूमि कल्याण सिंह जी ने दिया था और उस भूमि पर रामकथा कुंज की योजना बनाई गई थी आज वर्तमान समय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र इस विषय को देख रहा है वह किस प्रकार से विकसित करेगा किस प्रकार से सुसज्जित करेगा यह ट्रस्ट के पदाधिकारी बताएंगे लेकिन रामकथा कुंज समाज को एक संदेश देने के लिए अगली पीढ़ी को संदेश देने के लिए बहुत बड़ी एक योजना बनाई गई है।

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