राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर विधानसभा सीट से विधायक तेज प्रताप यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे में संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं देने के आरोप में तेज प्रताप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जनता दल (यूनाइटेड) ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ रोसड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
रोसडा थाने के प्रभारी सीताराम प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि तत्कालीन चुनाव अधिकारी ब्रजेश कुमार की शिकायत के आधार पर बुधवार को तेज प्रताप के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में संपत्ति का ब्योरा छिपाने का आरोप है।
प्राथमिकी को लेकर दिए गए आवेदन में कहा गया कि 2020 के बिहार चुनाव में 13 अक्टूबर 2020 को तेज प्रताप यादव ने हसनपुर सीट से आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन के दौरान तेज प्रताप की ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्र में अचल संपत्ति के संबंध में सूचना छिपाने की शिकायत बिहार जेडीयू ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की थी।
इसके बाद, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस शिकायत की कॉपी चार नवंबर 2020 को भारतीय निर्वाचन आयोग को भेजी थी। वहां से पूरे मामले की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को लिखा गया। सीबीडीटी ने इन आरोपों की जांच कर बताया कि वर्ष 2015 और 2020 के चुनाव में दाखिल शपथ पत्रों के मुताबिक संपत्तियों में 82 लाख 40 हजार 867 रुपए की वृद्धि हुई, जबकि 2015-16 एवं 2016-20 तक इनकम टैक्स की डिटेल्स के मुताबिक, यह 22 लाख 76 हजार 220 रुपए बनती है।
वहीं, अब तेज प्रताप के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद बिहार में सियासत गरमाई हुई है। इस मामले को लेकर जदयू ने तंज कसा है। विधान पार्षद और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा, ”तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू और छोटे भाई तेजस्वी यादव से कैसे पीछे रहते।”