प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय मसौढ़ी , पटना में मंगलवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर प्रकाश पर्व मनाया गया । इस अवसर पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सह जन प्रतिनिधि श्री उपेन्द्र कुमार यादव ने कार्यक्रम के अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि गुरुनानक के विचार और दर्शन आज भी पूरी मानवता के लिए प्रासंगिक है । उनके बतलाए गए मार्ग पर चलकर ही आज समाज और राष्ट्र को टूटने से बचाया जा सकता है ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वृजनंदन सहाय ने कहा कि भक्ति काल के सबसे बड़े संत कवियों में गुरुनानक ऐसे कवि थे जिन्होंने सामाजिक विसंगतियों पर चोट करने के साथ साथ समाज को एक नई दिशा भी दी । मुख्य वक्ता राजेश्वर कुमार सिंह ने कहा कि आज पीटीईसी मसौढ़ी के प्रशिक्षु जिस प्रकार अपने अनुशासन और प्रशिक्षण हेतु समर्पण भावना का परिचय दे रहे हैं ,
उससे निश्चित रूप से आनेवाले समय में बिहार की शिक्षा को एक नई दिशा मिलेगी । मुख्य अतिथि डा. प्रेम कुमार ने उक्त महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. उपेन्द्र कुमार को महाविद्यालय के वित्तीय प्रभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में उन्हें बधाई देते हुए कहा कि डा. उपेन्द्र कुमार जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच और निरंतर संघर्ष की भावना को नहीं छोड़ते उससे यहां के प्रशिक्षुओं को सीख लेने की आवश्यकता है ।
अपने स्वागत भाषण के क्रम में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा उपेन्द्र कुमार ने कहा कि ‘ आज मैं जहां कहीं भी हूं वहां गुरुनानक के विचार और उनके बतलाए गए मार्ग पर चलकर ही पहुंचा हूं। आज जिस प्रकार हमारे समाज में भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा रहा है, उन स्थितियों में गुरुनानक के पद उनसे जूझने व लड़ने की शक्ति और प्रेरणा देता है ।
कार्यक्रम संचालन के क्रम में व्याख्याता डा. सुधांशु कुमार ने कहा कि आज गुरुनानक देव जी की जयंती के साथ कार्तिक पूर्णिमा और प्रकाश पर्व भी है । ऐसी स्थिति में डा. उपेन्द्र कुमार का प्रभार ग्रहण करना इस महाविद्यालय के विकास के लिए अत्यंत ही शुभ सूचक है। निश्चय ही प्राचार्य डा. उपेन्द्र कुमार के नेतृत्व में यह महाविद्यालय नित नूतन आयाम गढ़ेगा ।
अंत में अपने धन्यवाद ज्ञापन के क्रम में व्याख्याता श्रीमती सीमा कुमारी ने कहा कि डा. उपेन्द्र कुमार ने जिन सत्य के मार्ग पर चलते हुए जिस जुझारू व्यक्तित्व का परिचय दिया है वह आज के समय में दुर्लभ है। इनसे यह सीख मिलती है कि यदि आप सत्य के मार्ग पर हैं तो अंत अंत तक हार नहीं माननी चाहिए।
यहां यह भी ज्ञात हो कि उक्त अवसर पर डा. उपेन्द्र कुमार को वित्तीय प्रभार मिलने पर वहां के शैक्षणिक व शिक्षकेतर कर्मी खुश नजर आए , क्योंकि वित्तीय प्रभार नहीं मिलने की वज़ह से वहां के कर्मियों का वेतन चार महीने से नहीं मिल पाया था । उक्त अवसर पर व्याख्याता श्रीमती शशिबाला कुमारी, श्रीमती मिनाक्षी कुमारी, श्रीमती रानी कुमारी, श्रीमती आलम आरा , कमलेश कुमार, प्रशिक्षु उचितानंद , विकास कुमार, शिव कुमार , सोनिया कुमारी , चंचला, अर्चना , रणजीत, मनीष , ऋतु, रुचिता , राखी आदि छात्राएं मौजूद थीं । कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत गान सोनिया व उनकी साथी ने प्रस्तुत किया।