हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) के परिणाम घोषित हो चुके हैं। कांग्रेस (Congress) पार्टी ने बहुमत हासिल कर भाजपा (BJP) को सत्ता से बेदखल कर दिया है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विधानसभा की 68 सीटें है, जिसमें से 40 पर कांग्रेस और 25 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। दिलचस्प यह है इस बार हिमाचल विधानसभा में 67 पुरुष विधायकों के साथ सिर्फ एक महिला विधायक होंगी। जबकी राज्य के कुल मतदाताओं में आधी संख्या महिलाओं की है।
सिर्फ एक महिला उम्मीदवार निर्वाचित
2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में सिर्फ महिला प्रत्याशी को जीत मिली है। वह इकलौती विधायक भाजपा की रीना कश्यप हैं। भाजपा नेता रीना कश्यप पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की दयाल प्यारी को हराकर विजेता बनी हैं। 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। इस बार मैदान में 24 महिला प्रत्याशी थीं, जिनमें से केवल एक को जीत मिली है।
महिला उम्मीदवार और राजनीतिक दल
इस चुनाव में भाजपा ने छह, आम आदमी पार्टी (आप) ने पांच और कांग्रेस ने तीन महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन केवल रीना कश्यप ही चुनाव जीतीं। कश्यप 2021 में पच्छाद (एससी) विधानसभा से उपचुनाव भी जीती थीं। इस चुनाव में जीतकर वह अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रहीं। पिछले विधानसभा चुनाव में चार महिला उम्मीदवार निर्वाचित होने में सफल रही थीं।
कुल मतदाताओं में 49 फीसदी महिलाएं
हिमाचल प्रदेश में कुल मतदाताओं में करीब 49 फीसदी महिलाएं हैं। दिलचस्प बात यह है कि 1998 के चुनावों से महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक रहा है और यह प्रवृत्ति पिछले पांच चुनावों में भी दिखी है।
साल 1998 में महिला और पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत क्रमश: 72.2 और 71.23 प्रतिशत था। साल 2003 चुनाव में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 75.92 और पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 73.14 था। 2007 में यह 74.10 प्रतिशत और 68.36 प्रतिशत रहा। 2012 में 76.20 प्रतिशत और 69.39 प्रतिशत रहा और 2017 में 77.98 और 70.58 प्रतिशत था।
2022 का विधानसभा चुनाव में 76.8 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 72.4 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। महिला मतदाता ने पुरुष मतदाताओं को 82,301 वोट से पीछे छोड़ दिया।
68 निर्वाचन क्षेत्रों में से 19 में पुरुष और महिला मतदाताओं के बीच का अंतर 1000 से कम है। 42 निर्वाचन क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का प्रतिशत अधिक है। महिला सशक्तिकरण के लंबे-चौड़े दावों और उन्हें दी जाने वाली रियायतों के बावजूद, प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच स्पष्ट लैंगिक पूर्वाग्रह दिखाई देता है। 1967 के बाद हुए पंद्रह चुनावों में केवल 43 महिलाएं राज्य विधानसभा के लिए चुनी गईं हैं।