के बिना धरती पर किसी को जीवन मिलना असंभव माना जाता है। चाहे वह खुद की माँ हो या सेरोगेसी लेकिन माँ के बिना जन्म असंभव सा है। ऐसे में कोई आपसे कहे की अब बिना माँ की कोख के ही बच्चों का जन्म होगा। विज्ञान के क्षेत्र में यह नई खोज काफी चौंकाने वाली है। इस खोज से जो महिलाएं इन्फर्टिलिटी की समस्या से जूझ रही हैं या जिनका यूट्रस (बच्चेदानी) कैंसर या किसी दूसरी कॉम्प्लीकेशंस की वजह से निकलवाना पड़ा है, उनके लिए भी एक खुशखबरी है।
फिल्मों में देखा गया था नजार, जो अब होगा सच
अब तक आपने फिल्मों में ही देखा होगा जहां इंसान को फैक्ट्री में पैदा किया जा रहा है। यह नजारा आपने 1999 में बनी हॉलीवुड फिल्म ‘मैट्रिक्स’ में देखा होगा, जहां एक फैक्ट्री में इंसान पैदा किए जा रहे हैं। इस फिल्म ने दुनिया भर के लोगों को हैरान किया था। मगर अब सच में एक ऐसी कंपनी ने दावा किया है कि वह हर साल 30 हजार ‘हाई क्वालिटी’ बच्चे पैदा करेगी।
बच्चे के रंग और रूप को बदला जा सकेगा
इस कंपनी का नाम एक्टोलाइफ (EctoLife) है। एक्टोलाइफ नामक कंपनी उन सभी महिला-पुरुषों की मदद का दावा कर रही है, जिनके किसी भी कारण से बच्चे पैदा नहीं हो पा रहे हैं। एक्टोलाइफ के वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि माता-पिता चाहें तो बच्चे के जीन में बदलाव भी करा सकते हैं। बच्चे की ‘कोई भी खासियत’ जैसे बालों का रंग, आंखों का रंग, ऊंचाई, बुद्धि और त्वचा के रंग को आनुवंशिक रूप से 300 से अधिक जीनों के माध्यम से बदला जा सकता है।
दुनिया की पहली आर्टिफिशियल बच्चा पैदा करने वाली कंपनी
जर्मनी की राजधानी बर्लिन के रहने वाले एक्टोलाइफ के साइंटिस्ट और इस पूरे कॉन्सेप्ट की शुरुआत करने वाले हासिम अल गायली ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे आर्टिफिशियल गर्भाशय के जरिए बच्चों को जन्म दिया जाएगा। हासिम अल गायली पेशे से एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट और साइंस कम्यूनिकेटर हैं। उन्होंने कहा- ‘एक्टोलाइफ’ दुनिया की पहली आर्टिफिशियल बच्चा पैदा करने वाली कंपनी बनेगी।