नई दिल्ली। किसान आंदोलन ( Farmer Protest ) स्थगित किए जाने के बाद अपने वादे के मुताबिक आंदोलनकारी शनिवार 11 दिसंबर से खुशी मनाते हुए घर वापसी कर रहे हैं। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रालियां दिल्ली से सटी सीमाओं से आगे बढ़ते हुए अपने-अपने घर की ओर रवाना हो रही हैं। हालांकि इस वजह के कुछ इलाकों में जाम की स्थिति भी बन गई है। लेकिन लंबे समय से चल रहे जाम से अब दिल्लीवासियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया था।
सिंघू बॉर्डर, कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से भी किसान अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का भी बड़ा बयान सामने आया है। टिकैत ने कहा है कि वे अभी घर वापसी नहीं करेंगे।
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ-साथ अपनी अन्य मांगों पर सरकार से सहमति लेने के बाद आखिरकार किसानों ने घर वापसी शुरू कर दी है। विजय रैली के जरिए किसान दिल्ली की तमाम सीमाओं पर लगे अपने टेंट निकालकर ट्रैक्टर और ट्रालियों में सवार होकर घर लौट रहे हैं।
इस दौरान किसानों के चेहरों पर अपनी मांगें पूरी होने और एक वर्ष से अधिक चले आंदोलन के खत्म होने की खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
किसान शनिवार सुबह से ही सिंघु बॉर्डर (Delhi Singhu Border) खाली कर दिया है। टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) को भी किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है।
गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर सुबह 10 बजे विजय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसके बाद सभी किसान घर लौटना शुरू कर दिया।
सिंघु बॉर्डर से लौट रहे किसान स्पीकर पर गाने बजाकर डांस कर रहे हैं और मिठाईयां भी बांट रहे हैं।
क्या बोले राकेश टिकैत?
BKU नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 11 दिसंबर से किसान अपने-अपने घर रवाना हो रहे हैं। जैसा कि हमने सरकार से वादा किया था वो पूरा कर रहे हैं। हालांकि टिकैत ने कहा वे अभी घर वापसी नहीं करेंगे।
उन्होंने बताया कि हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे। फ़िलहाल देश में हजारों धरने-प्रदर्शन चल रहे हैं। हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे, फिर अपने घर जाएंगे।
टिकैत ने इस दौरान घर वापसी कर रहे किसानों से शांति और सफाई के साथ लौटने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों की रफ्तार बिल्कुल सीमित होनी चाहिए साथ ही उनकी घर वापसी से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
पंजाब और हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने 9 दिसंबर को ही सरकार के साथ सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी थी। हालांकि कुछ किसानों ने तो गुरुवार से ही वापसी शुरू कर दी थी, जबकि कुछ शुक्रवार को भी निलके। लेकिन बड़े जत्थे शनिवार से रवाना हो रहे हैं। जो आने वाले कुछ दिनों तक जारी रहेंगे।
बता दें कि पिछले एक साल से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जमें किसानों का धरना अब स्थगित हो चुका है। पीएम मोदी ने 9 दिसंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी।