हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो हाई प्रोफाइल लोगों, बिजनेसमैन को फर्जी समन तैयार करके देता था। फर्जी समन के जरिए ये गिरोह भोले-भाले हाई प्रोफाइल लोगों को धमकी देता था और पैसा उगाहने की कोशिश करता था। इसी तरह के सभी जालसाजी पर रोकथाम लगाने के लिए ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत जारी किए जाने वाले समन में क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है।
क्यूआर कोड स्कैन करके समन पाने वाले व्यक्ति उसकी प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं। ED के द्वारा बताया गया है कि जब समन पाने वाले व्यक्ति क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे तो वह क्यूआर कोड ED की वेबसाइट में ले जाएगा। वहां पर समन में लिखा हुआ पासकोड एंटर करना है, जिसके बाद उस समन को ऑनलाइन ED की वेबसाइट में भी देख सकेंगे।
निप्पॉन पेंट्स के डॉयरेक्टर को जारी किया गया था फर्जी समन
ED ने फर्जी समन जारी करने वाले जिस गिरोह का भंडाफोड़ किया था उसने निप्पॉन पेंट्स के डॉयरेक्टर को फर्जी समन जारी किया था। इस समन में गिरोह ने डॉयरेक्टर को ED ऑफिस में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्यवाही में शामिल होने के निर्देश दिए थे। निप्पॉन पेंट्स के डॉयरेक्टर को किसी जालसाझी की आशंका हुई, जिसके बाद उन्होंने इसके बारे में केंद्रीय जांच एजेंसी ED को बताया।
फर्जी समन जारी करने वाले गिरोह के सरगना सहित अन्य सदस्यों को ED कर चुकी है गिरफ्तार
निप्पॉन पेंट्स के डॉयरेक्टर के द्वारा जानकारी मिलने के बाद ED के अधिकारियों ने फर्जी समन जारी करने वाले गिरोह से बातचीत करके दिल्ली आने को कहा, जिसके बाद पहले तो वह आने से आनाकानी करते रहे लेकिन बाद में वह आने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद ED ने गिरोह के सदस्यों को दिल्ली आने पर गिरफ्तार कर लिया, जो भारत सरकार के स्टिकर लगी हुई कार में आए हुए थे। गिरफ्तार हुए आरोपियों की पहचान गिरोह का सरगना अखिलेश मिश्रा, हारीश जोशी और देवेंद्र दुबे के रूप में हुई थी, जो मुबंई के रहने वाले हैं।