कुख्यात अपराधी अमन श्रीवास्तव को झारखंड और महाराष्ट्र एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया गया। मुंबई में दबोचे जाने के बाद अमन श्रीवास्तव को आज रांची लाया गया। डीजीपी अजय कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी है।
डीजीपी ने बताया कि अमन श्रीवास्तव के ऊपर विभिन्न तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुल 23 मामले दर्ज हैं। इसके ऊपर हत्या का दो, हत्या के प्रयास का चार, रंगदारी का तेरह, आर्म्स एक्ट का दो, यूपी एक्ट का एक सहित अन्य मामले दर्ज हैं। इसके अतिरिक्त अमन श्रीवास्तव गैंग के विरुद्ध राज्य के दूसरे जिलों में भी कई कांड दर्ज हैं।
बताया गया कि गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव राज्य की कोयला उत्खनन क्षेत्र एवं विकास योजना में कार्यरत कंपनियों एवं कारोबारियों के बीच भाई एवं आतंक का माहौल बना कर लगातार रंगदारी की मांग करता था। रंगदारी के लिए फायरिंग एवं अन्य विध्वंसककारी घटना को अंजाम देता था। इससे व्यवसायियों एवं आम जनता के बीच काफी भय एवं आतंक का माहौल हुआ था।
पिता ही हत्या के बाद बना गैंगस्टर
2015 को हजारीबाग कोर्ट परिसर में अमन श्रीवास्तव के पिता सुशील श्रीवास्तव की हत्या कर दी गयी थी। जिसके बाद सुशील के बड़े बेटे अमन श्रीवास्तव ने गिरोह की कमान संभाल ली। अमरेंद्र तिवारी और रामगढ़ का लखन साव इसे मदद करते थे। अमन श्रीवास्तव राज्य के रामगढ़, लोहरदगा, लातेहार, चतरा और रांची जिले में आतंक का प्रयाय बना हुआ था। वारदात को अंजाम देने के बाद पर्चा छोड़ कर जिम्मेदारी भी लेता है।