“अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के बाद बिहार में कटिहार और किशनगंज जिलों को जोड़ने वाली मेची नदी पर एक निर्माणाधीन पुल का खंभा NH-327E पर गोरी गांव के पास धंस गया। एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि यह कंस्ट्रक्टर और इंजीनियर की गलती है, उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। एक स्थानीय ने कहा कि अभी तो बारिश शुरू भी नहीं हुई। इस नदी में बाढ़ भी आती है लेकिन अभी तो बाढ़ भी नहीं आई थी और यह धंस गया। इस पुल में कहीं गुणवत्ता नहीं दिखती सिर्फ भ्रष्टाचार दिखता है।
इससे पहले 4 जून को भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल ध्वस्त हो गया था। इस पुल का निर्माण गंगा नदी पर भागलपुर और खगड़िया जिलों को जोड़ने के लिए किया गया था। इसमें 1,770 करोड़ रुपए से अधिक की लागत शामिल थी और इसे 2019 तक पूरा किया जाना था। संरचना की आधारशिला फरवरी 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रखी गई थी।बिहार के भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के ढहने की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने अपनी रिट याचिका में विभागीय जांच के बजाय स्वतंत्र जांच और पुल निर्माण से जुड़ी एसपी सिंगला कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।