लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पटना के डीएम और एसएसपी को 30 अगस्त को तलब कर सांसद और अन्य लोगों पर लाठीचार्ज मामले में जवाब मांगा है। 13 जुलाई को हुई इस घटना में जहानाबाद के एक भाजपा नेता विजय कुमार सिंह की कथित तौर पर पुलिस लाठीचार्ज के दौरान मौत हो गई। वे लोग बिहार सरकार की शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे के लिए अपनी पार्टी के विरोध मार्च में भाग ले रहे थे।
विधानसभा तक मार्च में शामिल होने के लिए हजारों भाजपा कार्यकर्ता पटना में एकत्र हुए थे, जिन्हें राज्य पुलिस ने रोक दिया। इस घटना में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल समेत कई नेताओं को गंभीर रूप से चोट लगी थी। इसकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की गई थी। आरोप है कि पुलिस सांसद होने की जानकारी देने पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
पार्टी ने कहा- कानून सबके लिये है, चाहे वह अफसर हो या कोई और
राज्य भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने इस मामले पर 20 अगस्त को एक बयान जारी कर इस पूरे मामले के बारे में मीडिया को बताया था। उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए है, भले ही वह डीएम और एसपी हों। अब उन्हें लोकसभा अध्यक्ष के सामने पेश होना होगा और पूरे मामले की जानकारी देनी होगी।
सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि अदालत अपना काम करती है। जब बिहार सरकार के पक्ष में कोई फैसला आता है तो ये कुछ नहीं बोलते हैं, लेकिन अगर विरोध में फैसला आता है तो ये कहते हैं कि भाजपा और नरेंद्र मोदी ने करवाया है।
एजंसी के मुताबिक बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा था, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी पार्टी के एक कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह पुलिस के लाठीचार्ज से गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई। हम पुलिस के खिलाफ हत्या का आरोप दर्ज कराएंगे।’ इन सबके लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं।”
भाजपा नेता जेपी नड्डा ने ट्वीट किया था, “महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के किले की रक्षा के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है। जिस व्यक्ति पर आरोप है, उसे बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता भूल गए हैं।” बाद में इस मामले की जांच के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंप दी है।