बिहार के हाजीपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छह मुस्लिम युवकों को पकड़ा है, जो हिंदू नाम रखकर नंदी-बैल को साथ लेकर भिक्षा मांग रहे थे। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने इनकी जमकर पिटाई की। सभी छह आरोपियों को हाजीपुर के कदमघाट से पकड़ा गया था। पूछताछ में पता चला कि ये सभी उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले हैं। फिलहाल उन्हें कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
हिंदू संगठन के कार्यकर्ता ने कहा कि यह लोग हमारे धर्म का इस तरह करके मजाक बना रहे हैं। नंदी को लेकर हमारे हिंदू धर्म में घूम रहे हो। पुलिस के सामने हिंदू कार्यकर्ता ने कहा कि ये सब आतंकवादी और बांग्लादेशी है। हिंदू के वेश में छिपे रहते हैं और यही लोग घटना को अंजाम देते हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल का गर्दन काटा गया है, उसी तरह का यह सब कांड करने वाले हैं।
पकड़े गए युवकों की पहचान करीम अहमद (38 वर्ष, पिता- सकुर अहमद), सैयद अली (40 वर्ष, पिता- मैकू अहमद), हसन (30 वर्ष, पिता- असगर), महबूब (32 वर्ष, पिता- मुनेर उर्फ डब्ल्यू) के रूप में हुई है , हलीम अहमद (35 वर्ष, पिता- सकुर अहमद) और सुब्रती (30 वर्ष, पिता- अबू मोहम्मद)।
बता दे, सोमवार (25 जुलाई, 2022) को यूपी पुलिस ने दो ऐसे मुस्लिम भाइयों को अरेस्ट किया था, जो भगवा लिबास पहनकर दंगा भड़काने की कोशिश करते थे। ऐसी ही एक कोशिश के दौरान भगवा साफा बांधकर दोनों ने सैकड़ों साल पुरानी तीन मजारों पर तोड़फोड़ और आगजनी की।
पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि भगवा साफा बांध कर मजारों को तोड़ने और आग लगाने वाले दो सगे मुस्लिम भाई हैं। मोहम्मद कमाल (35) और आदिल (23) को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में कांवड़ यात्रा के दौरान भी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। दोनों भाई इसमें अहम किरदार निभा रहे थे।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया था कि बिजनौर के थाना शेरकोट में दो लोगों ने जलाल शाह की मजार पर तोड़फोड़ करने और चादर जलाने की वारदात हुई थी। इसके बाद कस्बे में तनाव फैल गया था। पुलिस ने आरोपियों की तलाश की तो पता चला मजारों में आग लगाने वाले दोनों मुसलमान हैं और दोनों सगे भाई हैं।