पंचायत चुनाव समाप्ति के उपरांत आज बीते समय में कहीं ना कहीं किसी ना किसी पंचायत में वार्ड मेंबरों को काम नहीं दिया जा रहा है तमाम वाडो में मुखिया खुद काम करवाने में लगे हुए हैं जिसको लेकर वार्ड सदस्यों में गुस्सा है।
कुछ जिलों में वार्ड मेंबरों ने मुखिया के खिलाफ बैठक भी करना शुरू कर दिया है। लखीसराय जिले के चानन प्रखंड में भी कुछ पंचायतों में जिनमें लाखोचक शामिल है यहां भी वार्ड मेंबरों को दरकिनार कर उन्हें भी किसी भी प्रकार की योजना की जानकारी नहीं दी जा रही है लेकिन अगर बात चानन प्रखंड के ही ईटाउन पंचायत की करे तो इस पंचायत में वार्ड मेंबरों को लाखों रुपए का काम मिलने के बाद भी वार्ड मेंबर वार्ड की जनता को काम बताने और उसकी रकम को छिपाने का काम कर रहे हैं।
काफी जद्दोजहद के बाद वार्ड मेंबरों ने स्वीकारा की पंचायत के मुखिया बेबी देवी के द्वारा हम लोगों को काम जो पिछला काम था उसे दिया गया है और हम लोग उसे कर रहे हैं। लेकिन जब बात धरातल पर काम की होती है तो वार्ड में अधिकांश लोगों को काम दिख ही नहीं रहा है।
अलग-अलग वार्डो में लाखों रुपए के काम देने पर भी मुखिया विवादों में घिरा हुआ है मुखिया ने कहा कि अगर काम देने के बाद भी लोग इसे स्वीकारते नहीं हैं तो यह गलत है चानन प्रखंड के वार्डो में 4 लाख 93 हजार की रकम वाली मनरेगा के काम में पैन खुदाई वार्ड 8 को दिया गया जिसे वार्ड सदस्य के सहयोगी मुकेश रजक और वार्ड सदस्य राधा देवी ने स्वीकार किया।
वही फुला देवी वार्ड नंबर 9 ने भी स्वीकारा कि पुराना खुदाई का काम मुखिया के द्वारा दिया गया है जिसकी रकम 4 लाख से ऊपर है। वही अभिनाश कुमार वार्ड 13 ने भी स्वीकारा की मनरेगा के तहत साढ़े तीन लाख और पंद्रहवी वित्त से गली नली का काम साढ़े 9 लाख का मिला है। इंद्रदेव राम उर्फ इंद्रजीत कुमार को मनरेगा का 5 लाख 95 हजार का काम दिया गया हालांकि अभी जीरो फिटिंग के कारण बंद है। वही बाकी वार्ड में काम पी आर एस के कारण रुका हुआ है जिसको लेकर बांकी वार्ड मेंबर मुखिया पर खफा हैं।