सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की घोषणा की। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के अनुरूप डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर वृद्धि का फैसला लिया गया। ये बदलाव देश में आज यानी 2 नवंबर 2022 से लागू होंगे। केंद्र ने कच्चे तेल के निर्यात पर अप्रत्याशित कर को 11,000 रुपये प्रति टन से 1,500 रुपये प्रति टन कम करके 9,500 रुपये प्रति टन कर दिया है।
एटीएफ और डीजल के निर्यात पर इतना हुआ टैक्स
इसके अलावा विमानन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को 3.50 रुपये प्रति लीटर से 1.5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। दूसरी ओर डीजल के निर्यात पर टैक्स 12 रुपये प्रति लीटर से 1 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (RIC) भी शामिल है।
पिछली समीक्षा में बढ़ा था विंडफॉल टैक्स
इससे पहले केंद्र ने 16 अक्टूबर को एविएशन टर्बाइन फ्यूल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को शून्य से बढ़ाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर किया था। इसी तरह डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स 5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 10.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था।
हर पखवाड़े होती है समीक्षा
निजी रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रोसनेफ्ट स्थित नायरा एनर्जी डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन के प्राथमिक निर्यातक हैं। घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लेवी सरकारी तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) और वेदांता लिमिटेड जैसे उत्पादकों को लक्षित करती है। केंद्र ने कहा है कि उच्च वैश्विक कच्चे तेल और प्रोडक्ट की कीमत के कारण घरेलू कच्चे उत्पादकों और रिफाइनर्स की ओर से किए गए अप्रत्याशित लाभ के मद्देनजर टैक्स की शुरूआत की गई थी। हर पखवाड़े स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर लेवी की समीक्षा होती है। सरकार ने एक जुलाई 2022 को पहली बार पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्याशित लाभ टैक्स लगाया। पेट्रोल समीक्षा के दायरे से बाहर है।