500 रुपए के नोट पर RBI ने बैंकों को दिए ये अहम निर्देश, जानिए क्या होता है फिट और अनफिट नोट

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देशभर में 2016 को हुई नोटबंदी के बाद से ही फेक करेंसी को लेकर कई तरह की खबरें सामने आती रही हैं। 10 के सिस्कों से लेकर बड़े नोटों तक धड़ल्ले बाजारों में नकली करेंसी चलाई जा रही है। हालांकि इस मामले को लेकर कई बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अहम निर्देश भी जारी किए हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर 500 रुपए के नोटों के असली-नकली के फेरे को लेकर आरबीआई ने देश के सभी बैंकों को अहम निर्देश जारी किया है। rbi ने बकायदा 500 रुपए के नोटों को लेकर एक बयान जारी किया है।

500 रुपए का ज्यादातर लोग चलन में इस्तेमाल करते हैं। रकम बड़ी होने की वजह से इसके नकली होने पर नुकसान भी बड़ा होता है। लिहाजा लोगों के लिए इतनी बड़ी करेंसी का असली होना बहुत जरूरी है।

यही वजह है कि करेंसी को लेकर आरबीआई भी काफी सख्त है। कई बार नोट के अनफिट होने की वजह से भी लोगों बैंकिंग आदि कामों में परेशानी होती है।

बैंकों के लिए क्या है RBI का निर्देश?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से कहा है कि वे हर तीन महीने में सटीकता और स्थिरता के लिए अपनी नोट छंटाई मशीनों का परीक्षण करें।

यही नहीं इसके साथ ही आरबीआई ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि, प्रिटेंड नोट तय मापदंडों के अनुसार हैं या नहीं इसकी भी बारीकी और सटीकता के साथ जांच की जाए और इसकी रिपोर्ट भी आरबीआई को समय-समय पर भेजी जाए।

दरअसल RBI की ओर से नोटों की सही कंडीशन के लिए 11 मानक निर्धारित किए हैं। साथ ही बैंकों को नोट सॉर्टिंग मशीनों के बजाय नोट फिट सॉर्टिंग मशीनों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।

क्या होता है फिट और अनफिट नोट?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक नोटों को दो श्रेणी में रखा गया है। एक फिट नोट और दूसरे अनफिट नोट।

ये है फिट नोट
– आरबीआई के सर्कुलर के मुताबिक एक फिट नोट वह होता है जो जेन्यूइन (genuine) हो
– क्लिर यानी साफ सुथरी हो ताकि इसके वैल्यु का आसानी से पता लगाया जा सके
– जो रीसाइक्लिंग के लिए उपयुक्त हो।

क्या है अनफिट नोट?
– अनफिट नोट वह है जो अपनी फिजिकल कंडीशन के कारण रीसाइक्लिंग के लिए उपयुक्त नहीं है।
– कई अनफिट नोट चेन ऐसे हैं जिसे भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से फेजवाइज समाप्त कर दिया गया

इस बात का ध्यान रखें बैंक
– नोट प्रोसेसिंग मशीन/नोट सॉर्टिंग मशीन समय-समय पर प्रामाणिकता की जांच करेगी।
– कोई भी नोट जिसमें असली नोट की सभी विशेषताएं नहीं पाई जाती हैं, उसे मशीन की ओर से संदिग्ध/अस्वीकार के तौर पर क्लासिफाइड किया जाएगा।
– बैंकों को हर तीन महीने में करेंसी नोटों की फिटनेस रिपोर्ट RBI को भेजनी होगी।
– बैंकों को अनुपयुक्त पाए गए नोटों की संख्या और उचित मेंटेनेंस के बाद फिर से जारी किए जा सकने वाले नोटों के बारे में RBI को जानकारी देना होगी।

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