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हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व होता है. हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा और विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. कहा जाता है कि इसी दिन सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान का जन्म हुआ था. धार्मिक मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ही ऐसे देवता हैं, जो हर काल में सृजन के देवता रहे हैं. संपूर्ण सृष्टि में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है. यानी भगवान विश्वकर्मा ही दुनिया के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर है. मान्यता है कि जब ब्रम्हा जी ने सृष्टि की रचना की तो उसे सजाने-संवारने का काम विश्वकर्मा भगवान को दिया था. इसी श्रद्धा भाव से किसी कार्य के निर्माण और सृजन से जुड़े हुए लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन सभी कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा पाठ के साथ ही लोग एक दूसरे को शुभकामना संदेश भी देते हैं.