खलारी। बरवाटोला और मनुटांड सहित आसपास के रैयत ग्रामीणों द्वारा अपनी मांगों को लेकर चूरी परियोजना गेट के समक्ष जारी धरना षुक्रवार को त्रिपक्षीय वार्ता के बाद समाप्त हो गया. धरना स्थल पर पंहुचे चूरी पीओ कमल मांझी व अन्य परियोजना अधिकारी तथा यूनियन प्रतिनिधियों व रैयत ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई. वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने सीसीएल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि आश्वासन देने के बाद भी रैयत व ग्रामीणों को बिजली नहीं दी गई. वहीं ग्रामीणों की जमीन सीसीएल द्वारा वर्षों पहले अधिगृहित कर ली गई हैं लेकिन वर्षों बाद भी उन्हें न तो जमीन का मुआवजा ही मिल पाया है और न ही नौकरी. पुर्व में इसे लेकर किए आंदोलन के बाद एनके एवं पिपरवार प्रबंधन के साथ वार्ता भी हुई थी. जिसमें रैयत ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. लेकिन इसके बावजूद आज तक हम ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से दूर है. प्रबंधन के द्वारा दिए गए आश्वासन के पुरा नही होने से रैयत ग्रामीण काफी आक्रोशित दिखे. वहीं वार्ता में चूरी पीओ कमल मांझी ने ग्रामीणों को आश्वास्त किया कि 15 दिनों के अंदर बरवाटोला और मनुटांड में बिजली को बहाल कर दिया जाएगा. जिसके बाद रैयत ग्रामीणों ने धरना समाप्त करते हुए कोयला ढुलाई कार्य को चालु होने दिया. वहीं बंदी वापस लेते हुए ग्रामीणों ने प्रबंधन को चेताया कि अगर 15 दिनों के अंदर ग्रामीणों को बिजली मुहैया नहीं कराई गई तो पिपरवार सहित पूरा कोयलांचल बंद कर दिया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रबंधन की होगी. मालुम हो कि गांव में बिजली बहाल करने सहित अन्य मांगों को लेकर बरवाटोला और मनुटांड सहित आसपास के रैयत ग्रामीणों ने गुरूवार की दोपहर से चूरी परियोजना से होने वाला कोयला ढुलाई को बंद कराते हुए चूरी परियोजना गेट के समक्ष धरना पर बैठ गए थे.
धरना पर करीब 20 घंटे बैठने के बाद षुक्रवार को रैयत ग्रामीणों की चूरी प्रबंधन एवं यूनियन प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई. इस वार्ता में प्रबंधन की ओर से पर्सनल मैनेजर उमेश चंद्रा साहू, मैनेजर दीपक कुमार, यूनियन की ओर से बिहार कोलियरी मजदूर यूनियन के जोनल अध्यक्ष रतिया गंझू, एनके एरिया क्षेत्रीय अध्यक्ष इरफान खान, दिनेश भर, यूसीडब्लुयू के एरिया सचिव प्रेम कुमार, रैयत विस्थापित मोर्चा के जगरनाथ महतो के आलावा खलारी थाना से राकेश कुमार एवं रैयत ग्रामीणों में बलेश्वर महतो, कुलेश्वर महतो, किरण देवी, पारो देवी, सुमन देवी, खुशबू कुमारी, फुलिया देवी, संगीता देवी, रुनिया देवी, रजवा देवी, फुलवा देवी, ललवा देवी, बिरेंद्र महतो, नागेश्वर महतो, मोहन महतो, गणेश महतो सहित काफी संख्या में उपस्थित थे.