सीएसआईआर-सिम्फर, धनबाद में मनाया गया हिंदी दिवस एवं हिंदी पखवाड़ा का समापन समारोह

379 0
धनबाद, सीएसआईआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद के बरवा रोड स्थित सभागार में पूर्वाह्न 11 बजे हिंदी दिवस-सह-हिंदी पखवाड़ा का समापन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस गौरवमय अवसर पर प्रसिद्ध लोकगायिका, लेखिका, चित्रकार एवं पत्रकार डॉ. (श्रीमती) नीतू कुमारी नवगीत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। इनके अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार उपाध्याय, सेन्टेनरी चेयर प्रोफेसर, भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं स्वतंत्र पत्रकार द्वारा मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
 संस्थान के निदेशक, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि आज दो लब्धप्रतिष्ठित विद्वान हमारे बीच मौजूद हैं। भारत की आजादी का 75 वर्ष शुरू हुआ और हमारे संस्थान ने 75 वर्ष लगभग पूरे कर लिए। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हमें संस्थान के 75 वर्षों की परंपरा को आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ है। एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 80 प्रतिशत प्रतिष्ठित और सफल लोगों ने कक्षा पाँचवी तक की पढ़ाई अंग्रेजी में नहीं बल्कि अपनी मातृभाषा में की।
हम अपनी बात को स्पष्ट रूप से अंग्रेजी में व्यक्त नहीं कर सकते, जो मन में विचार आता है उसका हम लोग अनुवाद करते हैं और इससे वह भाव नहीं आ पाता है, जो हम कहना चाहते हैं। मातृभाषा में अभिव्यक्ति निश्चित रूप से सबसे सटीक हो सकती है। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति जो इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई भी मातृभाषा में करवाने के लिए कार्य कर रही है, आज से कुछ वर्षों बाद इसका परिणाम देखने को मिलेगा। जर्मनी, फ्रांस जैसे विकसित देशों के लोगों को अंग्रेजी आती है, लेकिन वे अपना काम अपनी मातृभाषा में ही करते हैं। आज का दिन यह संकल्प लेने का है कि हम अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करेंगे और वास्तव में एक दिन ऐसा आएगा कि हमारी जनमानस जिस भाषा में विचार करेगी, उसी भाषा को स्वयं को अभिव्यक्त करेंगी।
 मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार उपाध्याय ने अपने व्याख्यान में कहा, मनुष्य के शरीर में पांच  ज्ञानेंद्रिय हैं, जो बुद्धि के द्वारा नियंत्रित एवं संचालित होते हैं। मनुष्य का असल शत्रु उसके मन के भीतर ही बैठा हुआ है और उस शत्रु को नष्ट कर जीवन को बेहतर बनाना मनुष्य पर ही निर्भर है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है, तो सर्वप्रथम प्राचीन भारतीय व्यवस्था को पुनर्जीवित करना होगा सभ्यता के प्रकाश का प्रारंभ इसी भारत भूमि में प्रारंभ हुई।
उन्होंने पंचतत्व यथा – अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश की व्याख्या की। ज्ञान, संस्कृति, साहित्य, सभ्यता सभी के क्षेत्र में भारत ने पूरे विश्व का मार्गदर्शन किया। भारतीय साहित्य को समृद्ध करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने विभिन्न शब्दों और अक्षरों की उत्पत्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भी बताया कि अंग्रेजी के बहुत से शब्दों की उत्पत्ति का स्रोत संस्कृत ही है। उन्होंने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपना वक्तव्य समाप्त किया।
 मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोकगायिका, लेखिका, चित्रकार एवं पत्रकार डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने अपने संबोधन में कहा कि भाषा का संबंध माता से होता है। जो स्नेह जो बंधन माँ की ममता में होता है ठीक वैसा ही संबंध हमारी भाषा और हमारा होता है। राष्ट्र की संस्कृति एवं भाषा उसके आत्मगौरव एवं अस्मिता का प्रतीक होती है। समृद्ध संस्कृति, स्वतंत्र चेतना निज भाषा में ही हो सकती है। उन्होंने भारतेन्दु हरीश्चंद की निज भाषा उन्नति अहे सब उन्नति को मूल को भी उद्धृत किया। विदेशी हुकुमत के खिलाफ जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी तब सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने राष्ट्रीय एकता एवं स्वतंत्रता की चेतना के विस्तार के लिए हिंदी के महत्व को स्वीकारा।
 उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में हिंदी भाषा के विस्तार के लिए अनेक संस्थाएँ स्थापित की गईं। सन 1949 में 14 सितंबर के दिन ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। संविधान सभा द्वारा देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को अंग्रजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया। लेकिन दुर्भाग्य से भाषाओं की राजनीति ने भाषा के विकास को ही अवरुद्ध कर दिया। अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी अंग्रेजी में ही काम करते रह गए। उन्होंने सभी से हिंदी में कार्य करने के लिए आग्रह किया और हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ दीं। इसके पश्चात महोदया ने गणेश वंदना के साथ अपनी संगीत प्रस्तुति का शुभारंभ किया। अपने लोकगीतों और हिंदी को समर्पित कुछ गीतों से पूरे वातावरण को संगीतमय बना दिया।
 तत्पश्चात् हिंदी में प्रकाशित शोध लेख/ वैज्ञानिक लेख/तकनीकी लेख के मूल्यांकन एवं वर्ष भर हिंदी में लिखे गए टिप्पण/ आलेखन के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। पखवाड़ा के दौरान आयोजित तकनीकी हिंदी व्याख्यानमाला के सभी व्याख्यान प्रस्तुतकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
 संस्थान के प्रशासन नियंत्रक, आलोक शर्मा द्वारा माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के हिंदी दिवस संदेश का पाठ किया गया। श्रीमती अनिमा कुमारी महातो, वरिष्ठ हिंदी अनुवादक द्वारा मंच संचालन एवं डॉ. गौतम बनर्जी, मुख्य वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया।
Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में तीन सौ से ज्यादा लोगों की जांच , मुफ्त में दवा वितरण

Posted by - August 29, 2021 0
धनबाद। रविवार को जेपी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की ओर से उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेतुलिया चन्दनक्यारी में फ्री हेल्थ चेकअप…

100 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा होने पर स्वास्थ्यकर्मियों को सांसद और रागनी सिंह ने किया सम्मानित

Posted by - October 23, 2021 0
धनबाद : 100 करोड़ वेकसीन का कीर्तिमान स्थापित करने पर स्वास्थ कर्मियों का सम्मान बस्तकोला,जोरापोखर, भागा व झरिया नगर के…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *