धनबाद : झारखंड कोऑपरेटिव फेडरेशन ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को झारखंड सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया। जिसको लेकर रणधीर वर्मा चौक पर झारखंड कोऑपरेटिव फेडरेशन से जुड़े तमाम लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मीडिया के समक्ष अपनी मांगों को रखा.
उन्होंने बताया कि धनबाद जिले के श्रमिको की विशेष प्रकार की सरकार से निबंधित सहकारी समितियां है। जिन्हें जिले के सभी कार्य विभागों में संपादित होने वाले ठिका कार्य में कम से कम 10% ठिका कार्य अनिवार्य रुप से आरक्षित कर आवंटित करने का सरकार का आदेश है.
सरकार द्वारा 2012-13 से जिले के सभी कार्य विभागों में सहकारी समितियों को कार्य आरक्षित कर समितियों को जिले में रोजगार प्रदान कराने का आदेश के अनुपालन हेतु उपायुक्त महोदय धनबाद भी कार्य विभागों को बैठक कर पत्र भी जारी किये फिर भी समितियों को आज तक का नहीं मिला।
भारत सरकार के BCCL आरक्षण से 20% कोयला/बालू परिवहन लोडिंग अनलोडिंग का देता है वह भी बंद है। उपायुक्त धनबाद भी कई बार पत्र दिए. परन्तु समितियों को कार्य आवंटन तथा आरक्षित करना बंद। कोरोना काल के चलते बहुत से श्रमिक अन्य राज्यों में काम करने चले गए थे वापस आ गया। उन्हें भी यहां रोजी रोटी के लिए पुन:पलायन होना पड़ रहा है.
झारखण्ड सरकार के सभी कार्य विभाग के मुख्य कार्यपालक, के सरकार एवं राज्य सरकार के धनबाद जिले में कार्यरत है जो सरकार के निर्देश का पालन नहीं करता। जिस पर ध्यान आकृष्ट कराने हेतु रंधीर बर्मा चौक पर एक दिवसीय धरना झारखण्ड कोआपरेटिव फेडरेशन के बैनर तले किया जा रहा है।
धरना में दर्जनों सहकारी समितियों के प्रतिनधि भाग लिए. जिसकी अध्यक्षता झारखण्ड कोआपरेटिव फेडरेशन लि. रांची के निदेशक राम प्रवेश कु यादव किये। धरना का संचालन संतोष विकराल तथा बजरंग रवाना किये।
जिस में आदर्श श्रमिक स.स. के शंकर दास, मोतीनगर श्रमिक स.स.के महावीर राम, इताबाद श्रमिक स.स. या अनुराग राय जनकल्याण श्रमिक स.स. मुकेश यादव, देशरत्न श्रमिक स.स. के सलेन्द्र राम,स्वात लम्बी गिलानाथ सिह, भोर श्रमिक समिति से रजिल यादव, बलियापुर अधिक प्रतिनिधि हीरालाल महतो आदि शामिल हुए।