झारखंड में सत्ताधारी झामुमो का 50वां स्थापना दिवस शुक्रवार को धनबाद के न्यू टाउन हाल में मनाया गया। समारोह में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भागीदारी नहीं हुई। इस कारण कार्यक्रम फीका रहा। पहले जहां शिबू सोरेन की उपस्थिति में झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में हजारों की संख्या में लोग भा लेते थे शुक्रवार को गिनती के लोग उपस्थित थे। इसमें भाग लेने के लिए झामुमो को कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा। कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने किया।
स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि झारखंड सरकार के दो साल पूरे होने पर सभी सकारात्मक कार्य धरातल पर किए गए हैं। चुनाव के दौरान जो भी वादे किए गए थे लगभग सभी दो साल के बेहद कम समय में पूरे किए गए। शेष कार्य जल्द ही पूरे होंगे। राज्य में पारा शिक्षकों का का मामला बीजेपी की सरकार से चली आ रही थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करने का काम किया है। भाषा विवाद को लेकर कहा कि भोजपुरी, मगधी व अंगिका भाषा बाहरी भाषा है जो झारखंड के मूलवासी लोगों के लिए नहीं है। इसको लेकर शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष प्रस्ताव रखा गया है। मुख्यमंत्री ने जल्द वापस लेने की बात कही है।
50वें स्थापना दिवस समारोह में लोगों की भागीदारी बहुत कम रही। न्यू टाउन हाल की ज्यादातर कुर्सियां खाली थीं। जिला समिति का कहना है कि सभी प्रखंड के जिला अध्यक्ष अपने-अपने प्रखंड में सादगी तरीके से स्थापना दिवस आयोजित कर रहे हैं। कुछ झामुमो नेताओं का कहना है था कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन आते तो काफी भीड़ होती।