धनबाद। धनबाद स्टेशन के सामने कार-मोटरसाइकिल-ऑटो स्टैंड में थ्रू लेन से पार्किंग चार्ज वसूलने का नियम नहीं है। फिर भी ठीकेदार नसरुल्लाह के कर्मी इस लेन में वाहन खड़ा करने वाले को कहते हैं कि 20 रुपये देना होगा….वरना गोली मार देंगे। हमलोग पार्किंग चार्ज नहीं गुंडा टैक्स वसूलते हैं।
थ्रू लेन में वाहन खड़ा करें या फिर इस रास्ते से होकर निकलें। बगैर 20 रुपये दिए कोई भी नहीं निकल सकता है। धनबाद स्टेशन से रोजाना दर्जनों ट्रेन गुजरती है। यात्रियों को पहुंचाने और रिसीव करने के लिए कई घरवाले कार लेकर स्टेशन पहुंचते हैं। थ्रू लेन में वाहन खड़ा करते हैं। जैसे ही अपना काम कर निकास द्वार के रास्ते स्टेशन रोड की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं, वैसे ही ठीकेदार के गुंडे वाहन को रोकते हैं और कहते हैं कि 20 रुपये दीजिए। वाहन में बैठे लोग कहते हैं कि थ्रू लेन में पार्किंग चार्ज नहीं लगता है।
उसके बाद वसूली करने वाले कहने लगते हैं कि यहां के मालिक हम है, बगैर रुपये दिए किसी का वाहन नहीं निकल सकता है। कई लोगों ने रुपये नहीं देने की कोशिश की, जिसका परिणाम वे लोग भुगत चुके हैं। उन्हें अस्पताल जाना पड़ा है। चाकू, उस्तरा और पिस्टल का सामना करना पड़ा है। शरीफ लोग पैसे देकर निकल जाते हैं। यात्रियों की नजर में पार्किंग में ठीकेदार के कर्मी गुंडा टैक्स वसूल रहे हैं। इस ठेकेदार का टेंडर कैसिंल कर दूसरे को देना चाहिए। ताकि नियम का पालन हो सके। ऐसे में कभी भी खून-खराबा हो सकता है। स्टैंड में जवान तैनात रहते हैं, लेकिन वे किसी काम के नहीं है।
रोजाना 500 वाहनों से वसूलते हैं 10 हजार
यात्रियों का कहना है कि रोजाना लगभग 500 वाहन थ्रू लेन से गुजरता है। यानी कि 10 हजार रुपये गुंडा टैक्स के एवज में कमाई होती है। महीने में 3 लाख और एक साल में 36 लाख रुपये की कमाई होती है। इस रुपये में वर्दीधारियों से लेकर कतिपय पदाधिकारियों को भी हिस्सा मिलता है।
बार-बार एक ही ठेकेदार को मिलता है ठेका
लोगों का कहना है कि बार-बार एक ही ठेकेदार को ही ठेका मिलता है। कई बार ठेकेदार के खिलाफ शिकायत की गई। उसे एक-दो बार जुर्माना भी भरना पड़ा। उसे चेतावनी दी गई है। इसके बावजूद 12 साल से टैक्सी स्टैंड में एक ही ठीकेदार का कब्जा बरकरार है।