अलकडीहा। बागडिगी खान हादसा की 21वीं बरसी मनाई गई .नम आंखों से स्मारक स्थल पर बीसीसीएल के सीएमडी समिरन दत्ता, महाप्रबंधक कार्मिक विद्युत शाहा ,लोदना क्षेत्र संख्या 10 के महाप्रबंधक अरुण कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक दिलीप कुमार भगत ,परियोजना पदाधिकारी एम कुंडू, बागडिगी कोलियरी के प्रबंधक एन के राणा सहित कई अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और 2 मिनट का मौन रखा.इस दौरान सीएमडी समिरन दत्ता ने कहा कि यह बहुत ही दुःखद हादसा थी क्योकि इस हादसे में हमने अपने 29 श्रमिको को खोया है .आज भी इस हादसे को याद कर रूह कांप जाती है.उन्होंने कहा कि इस हादसे से अधिकारियों को बहुत कुछ सीखने को मिला था .
वही महाप्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि धनबाद झरिया के लोदना क्षेत्र संख्या 10 अंतर्गत बागडिगी कोलियरी में 2 फरवरी 2001 को जल प्रलय की घटना हुई थी . जिसमे 29 कामगार अधिकारी सहित जलमग्न हो गए थे .जो बहुत ही दुःखद घटना थी .इस घटना की 2 फरवरी 2022 को 21 वीं वर्षी मनाई जा रही है .
उन्होंने कहा कि इस घटना के 21 वर्ष बीत जाने के बाद भी घटना को याद कर रूह कांप जाती है . उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना से हमलोगों को सिख मिली कि सुरक्षा को नजरअंदाज कर कभी भी माईनस या अन्य स्थल पर कार्य नही करना चाहिए. हमेशा सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हम कभी भी 29 शहीदों की बलिदान को नही भूलेंगे जिन्होंने कोयला उत्खनन के दौरान अपनी जान निछावर की.
आपको बता दे कि 2 फरवरी 2001 को धनबाद के झरिया स्थित लोदना एरिया के बागडिगी कोलियरी के 12 नम्बर खदान में डेम का दीवार अचानक फट गया था . जिसमे 7 नम्बर फेस में कार्य कर रहे 29 श्रमिक फंस गए थे. यह घटना जंगल मे आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई .चीख पुकार से क्षेत्र में कोहराम मच गया था . लोगो का हुजूम चानक के समीप पहुँच गया था . श्रमिक सहित स्थानीय लोग जल्द रेस्क्यू की मांग कर रहे थे.
घटना की जानकारी बीसीसीएल के वरीय अधिकारी ,तत्कालीन आयुक्त वी किस्पोट्टा, एसपी अब्दुल गनी मीर व पूर्व मंत्री बच्चा सिंह को भी मिली जिसके बाद बीसीसीएल जिला प्रसासन के अधिकारी व मंत्री आनन फानन में मौके पर पहुंचे और खदान में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू कार्य शुरू करवाया था .
बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम ने जब हाथ खड़ा कर दिया तो खदान में फंसे श्रमिको को निकालने के लिए मुंबई से गोताखोरों की टीम को बुलाया गया था . घटना के चार दिन बीत के बाद भी जब गोताखोरों को कुछ हाथ नही लगा तो आक्रोशित परिजनों ने गोताखोरों से शव निकालने की मांग की थी . पांच फरवरी को गोताखोर की टीम कड़ी मसक्कत के बाद उक्त स्थल पहुँची जहाँ श्रमिको के शव थे. रात 12 बजे गोताखोरों की टीम ने शवों को जयरामपुर कोलियरी 5 नम्बर खदान से बाहर निकाला .
शवों की पहचान कैप लैंप नंबर से की गई थी .इस हादसे में सलीम अंसारी श्रमिक जिदा बच गए थे . जिसे गोताखोरों की टीम ने 7 दिन बाद रेस्क्यू कर बाहर निकाला था . वह 7 दिन तक खदान का गंदा पानी पीकर मौत से संघर्ष कर रहे थे.खदान में भरे पानी को निकालने में लगभग 6 महीने लगे थे.पानी निकालने का कार्य लगातार किया जा रहा था.
वही घटना की जानकारी स्वस्थ होने के बाद सलीम ने मीडिया को दी थी. उन्होंने बताया था कि सात नंबर सिम में उनकी ड्यूटी थी. तभी जोरदार आवाज हुई और अचानक खदान में पानी भरने लगा . मै किसी तरह भागकर एक कोयले की ढेर पर चढ़ गया था जहां सात दिनों तक बिना कुछ खाए बैठा था . उन्होंने कहा कि खदान का गंदा पानी पी कर हमने अपने जीवन का दिन गुजारा था . कई श्रमिकों की मौत पानी मे डूबने से हमारे सामने हुई थी .
कोयला मंत्री पहुचे थे घटना स्थल:
हादसे के बाद तत्कालीन कोयला मंत्री रामविलास पासवान भी बागडिगी पहुंचे थे .जिसके बाद उन्होंने बीसीसीएल के तत्कालीन सीएमडी से घटना की जानकारी ली थी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बात भी कही थी.
सलीम की जुबानी सुन दहला दिल:
सलीम अगस्त 2006 में सेवानिवृत्त हो चुके है. फिलहाल वह अपने परिवार के साथ बनियाहिर न्यू कॉलोनी में रहते है. आज भी इस हादसे को याद कर यहां के लोगों का कलेजा सिहर उठता है.
कब कौन खदान हुई बंद:
वही इस हादसे के कुछ साल बाद बागडिगी खदान भूमिगत आग के कारण 28 .7. 2013 को बीसीसीएल प्रबंधन ने बंद कर दीया था . वही जेलगोरा कोलियरी 21. 7. 2015 लोदना कोलियरी 14. 2 . 2017 जयरामपुर और बरारी कोलियरी को 25 . 8 . 2017 में बंद कर दिया गया है .