रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि देश में सभी के पास स्मार्ट फोन नहीं है। अभी देश में 118 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें से 78 करोड़ लोगों के पास स्मार्ट फोन है। यानी काफी बड़ी संख्या में अब भी ऐसे लोग हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है। वे फीचर फोन से अपना काम करते हैं। वे यूपीआई के जरिए लेनदेन नहीं कर पा रहे हैं। इसको देखते हुए आरबीआई ने यूपीआई पेमेंट प्रोडक्ट लांच करने का निर्णय लिया। ऐसा हो जाने से सभी मोबाइल उपभोक्ता यूपीआई पेमेंट करने में सक्षम होंगे।
भारत सरकार ने जब से डिजिटल सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया है, तब से कैश लेनदेन की जगह डिजिटल लेनदेन करने की मांग बढ़ गई है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक ने सभी को डिजिटल लेनदेन करने की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है। यूपीआई के जरिए पेमेंट करने से कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ती है।
अभी यूपीआई से पेमेंट के लिए इंटरनेट की जरूरत पड़ती है, लेकिन जब यूपीआई पेमेंट प्रोडक्ट लांच हो जाएगा, तब बिना इंटरनेट के भी पेमेंट होने लगेगा। इसका सबसे अधिक फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो मोबाइल का तो प्रयोग करते हैं, लेकिन इंटरनेट का नहीं। हालांकि देश में इंटरनेट की दरें भी काफी सस्ती हो गई हैं, लेकिन अब भी देश की एक बड़ी आबादी मोबाइल का प्रयोग सिर्फ बात करने और संदेश भेजने के लिए ही करती है।
बैंकरों ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में नरम रुख जारी रखने के रिजर्व बैंक के फैसले को सही ठहराया है। इसके साथ ही विभिन्न बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने डिजिटल भुगतान के लिए नियामकीय उपायों की घोषणा का भी स्वागत किया है। केंद्रीय बैंक की द्विमासिक नीतिगत समीक्षा पर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक और यूको बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ए के गोयल ने कहा कि ये उपाय उम्मीदों के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान पर अपनी पहल के माध्यम से केंद्रीय बैंक लोगों को डिजिटल माध्यम के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप अस्बे ने ट्वीट कर कहा कि एक दिन में एक अरब लेनदेन का लक्ष्य अब बहुत दूर नहीं है।