पाकिस्तान में बलूचिस्तान हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक, उन पर हमला तब हुआ जब वह शुक्रवार की नमाज अदा करके मस्जिद से बाहर निकल रहे थे। इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। यह घटना अशांत बलूचिस्तान प्रांत के खारन इलाके की है
बलूचिस्तान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मुहम्मद नूर मस्कानजई को एक मस्जिद के बाहर गोली मार दी गई। आतंकी हमलावरों ने उन पर कई गोलियां बरसाई जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पूर्व चीफ जस्टिस को पास के ही हॉस्पिटल में गंभीर हालत में इलाज के लिए भर्ती किया गया। जहां कुछ देर बाद डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मस्कानजई ने ऐतिहासिक निर्णय लिखा था जिसने शरीयत के खिलाफ रीबा-आधारित बैंकिंग प्रणाली की घोषणा की थी।
डीआईजी नजीर अहमद कुर्द ने बताया कि उन्होंने ईशा की नमाज अदा की थी और मस्जिद से बाहर आ रहे थे तभी कुछ लोगों ने उन पर फायरिंग की। अधिकारी के मुताबिक, गोलीबारी की घटना में दो अन्य व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है।
हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग: बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदोस बिजेंजो ने पूर्व चीफ जस्टिस मुहम्मद नूर मस्कानजई की मौत पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि जस्टिस की सेवाएं अविस्मरणीय रही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शांति के दुश्मनों के कायराना हमले देश को डरा नहीं सकते हैं। वहीं, क्वेटा बार एसोसिएशन (QBA) के अध्यक्ष अजमल खान कक्कड़ ने भी मस्कानजई की हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा कि पूर्व जज के निधन से पाकिस्तान का हर नागरिक बेहद दुखी है। अजमल कक्कड़ ने कहा, “हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”
सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं सितंबर में: हाल ही में पाकिस्तान के कानून राज्य मंत्री शहादत हुसैन ने माना था कि पिछले दिनों आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। साल 2022 में पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं सितंबर में दर्ज की गयी हैं। सितंबर महीने में 42 आतंकवादी हमले हुए जबकि इस साल अगस्त में आतंकवादियों ने पाकिस्तान में 31 हमले किए, जिसमें 37 लोग मारे गए और 55 अन्य घायल हो गए। वहीं, फाटा और खैबर पख्तूनख्वा में हिंसा में 106 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है।