चतरा/गिद्धौर। कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं दर्जनों दलित परिवार के लोग। प्रखंड के बारियातू पंचायत अंतर्गत महुआटांड़ गांव के महड़ोरिया टोला में एक भी चापाकल नहीं होने के कारण यहां के दलित परिवार के लोग कुएं का गंदा पानी पीने पीकर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे है।
ग्रामीणों ने बताया कि महुआटांड़ के महड़ोरिया टोला में लगभग 30 घर भुइयां समाज के लोग निवास करते हैं, जहां आज तक एक भी चापानल नही लगाया गया है। जिसके कारण गांव की महिलाएं लगभग आधा किलोमीटर दूर जाकर कुएं का गंदा पानी लाती है। ग्रामीणों ने आगे बताया कि कई बार पंचायत प्रतिनिधियों को इस स्थिति से अवगत कराया गया है, परंतु इन गरीबों के प्रति आज तक ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि इस कुएं का गंदा पानी हम लोग पीते हैं, जिसकी वजह से छोटे-छोटे बच्चे तथा बड़े लोग भी अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। जिससे हम गरीबों को काफी परेशानी होती है। 14वें व 15वें वित्त से कई चापाकल लगाए गए, परंतु इस गांव में आज तक एक भी चापानल नहीं लगाया गया। जिसकी वजह से इस गांव के लोग प्रखंड प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से खासे नाराज हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि जब चुनाव आती है तो प्रतिनिधि लोग वोट मांगने के लिए सिर्फ आते हैं। हम गरीबों की समस्या देखने कोई नहीं आता। ग्रामीणों ने जिले के उपायुक्त अंजली यादव व प्रखंड प्रशासन से गांव में एक अदद चापानल लगवाने की मांग की है। मांग करने वालों में बबिता देवी, फुलमतिया देवी, संतोष भुइयां, मोहन भुइयां, प्रीतम भुइयां, इंद्रदेव भुइयां समेत कई ग्रामीणों का नाम शामिल हैं।