पाकिस्तान (Paksitan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव पेश हो गया है. इमरान को यकीन है कि उनकी सरकार बच जाएगी, जबकि विपक्ष का कहना है कि इमरान सरकार के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सांसद हैं. इससे पहले, इमरान ने रविवार शाम इस्लामाबाद में एक विशालकाय रैली की थी. इस रैली में इमरान ने आरोप लगाया था कि उनकी गठबंधन सरकार गिराने की साजिश में विदेशी ताकतों का हाथ है. इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की रैली को इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में संबोधित करते हुए कहा कि देश की विदेश नीति तय करने के लिए विदेशी तत्व स्थानीय राजनेताओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके दावों की पुष्टि करने वाला एक पत्र सबूत के तौर पर उनके पास है.
विश्वास प्रस्ताव सफल बनाने के लिए विपक्ष को चाहिए 172 सदस्यों का समर्थन
विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल करने के लिए उसे नेशनल असेंबली में 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी. नेशनल असेंबली में 342 सदस्य होते हैं.
एक से चार अप्रैल के बीच हो सकती है वोटिंग
अविश्वास प्रस्ताव पर एक से चार अप्रैल के बीच वोटिंग होने की उम्मीद है. दरअसल, नेशनल असेंबली के नियमों के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव पर पेश किए जाने से तीन दिन पहले और सात दिन बाद वोटिंग नहीं की जा सकती
विश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को होगी चर्चा
संविधान के अनुसार, नेशनल असेंबली में मौजूद 20 फीसदी सांसदों को प्रस्ताव के लिए समर्थन देना होगा. प्रस्ताव के समर्थन में खड़े हुए सांसदों की गिनती के बाद डिप्टी स्पीकर ने चर्चा की मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च शाम चार बजे चर्चा की जा