झारखंड में डॉक्टर्स की हड़ताल कुछ घंटे में ही खत्म हो गयी। एमजीएम में आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई है. डॉक्टर्स जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज में हुए मारपीट के बाद कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध में थे। मेडिकल प्रोटेक्शन बिल के प्रति सरकार के शिथिल रवैये से भी डॉक्टर नाराज थे।
उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी है लेकिन जल्द से जल्द इस पर फैसला लेने का आग्रह किया है। 19 सितंबर को जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में कार्यरत पीजी मेडिकल के छात्र डॉ कमलेश उरांव के साथ मारपीट हुई थी। सुबह 6 बजे से ही मेडिकल सेवाएं बंद थी, केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चल रही थी। अब फिर से ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई है। IMA सचिव प्रदीप सिंह ने हड़ताल वापस लेने की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी मुख्य मांग थी कि डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। उनके गिरफ्तार होने की सूचना के बाद हमने हड़ताल वापस ले ली है।
ये था पूरा मामला
दरअसल 19 सितंबर की रात जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में एक बच्ची का इलाज चल रहा था। उस बच्ची की देर रात दो बजे के करीब मौत हो गई। यहां पीजी मेडिकल के छात्र डॉ कमलेश उरांव ड्यूटी कर रहे थे। बच्ची की मौत की वजह डॉक्टरों का इलाज में लापरवाही बरते जाने की बात कह परिजनों सहित अन्य लोगों ने डॉक्टर के साथ मारपीट की। डॉक्टर का आरोप है कि आक्रोशित परिजनों और अन्य लोगों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर हमला किया। जिसका वीडियो भी जारी किया गया है।