दुमका की रहने वाली अंकिता आखिरकार पांच दिन तक जिंदगी से लड़ रही अपनी जंग हार गई। सोमवार को तनाव के बीच अंकिता की अंतिम यात्रा निकाली गई। अंकिता की मौत से इलाके में जबरदस्त तनाव का माहौल है। लिहाजा पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए इलाके में धारा 144 भी लागू कर दी है। दरअसल अंकिता की मौत की खबर दुमका पहुंचते ही आक्रोशित लोग सड़क पर निकल आए। इन गुस्साए लोगों ने दुमका टॉवर चौक जाम कर दिया और अंकिता को न्याय दिलाने की मांग करने लगे।
कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई अंकिता की शव यात्रा
सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अंकिता की अर्थी को घर से निकाला गया। इस दौरान बड़ी संख्या में दुमका के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
हालांकि शहर का माहौल ना बिगड़े इसके लिए पुलिस ने भी अपनी तैयारी पहले से ही कर ली थी। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया वहीं धारा 144 भी लागू है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल दुमका के नगर थाना क्षेत्र के जरूवाडीह मोहल्ले के रहने वाले शाहरुख ने अंकिता पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। ये घटना 23 अगस्त की है। सुबह चार बजे शाहरुख ने अंकिता के साथ यह खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।
शाहरुख इसलिए अंकिता को जलाया क्योंकि अंकिता ने उससे फोन पर बात करने से इंकार कर दिया था। घर में उस वक्त अंकिता के दादा-दादी, उसके पिता और उसका छोटा भाई मौजूद था। जबतक अंकिता को पता चलता है तबतक को वो आग की लपटों से घिर चुकी थी। उसने आंगने में रखी पानी की बाल्टी भी खुद पर पलटी लेकिन तब तक काफी हद तक जल चुकी थी।
इसके बाद बुरी तरह से जली अंकिता को दुमका मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां से उसे रांच रिम्स रेफर किया गया।
हत्यारे को फांसी की मांग
अंकिता के साथ हुए इस जघन्य अपराध के बाद अंकिता के परिवारवालों ने हत्यारे को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।
सियासत भी गर्माई
इस मामले को लेकर प्रदेश की सियासत भी गर्मा गई है। भाजपा का आरोप है कि जिस दिन हेमंत सोरेन पिकनिक मना रहे थे उसी रात अंकिता की मौत हो गई। इस घटना के बीजेपी सरकार के खिलाफ हमलावर हो गई है।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा है कि, वोट बैंक और तुष्टीकरण का नतीजा है झारखंड की बेटी अंकिता की नृशंस हत्या हुई। उन्होंने कहा कि, झारखंड की जनता इस तालिबान समर्थक सरकार को उखाड़ फेंकेगी।