बड़कागांव : बड़कागांव प्रखंड स्थित पंकरी बरवाडीह के सौर पंचांग (मेगालिथ) स्थल से सूर्य को उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर करवट लेते हुए देखा गया. सूर्य की इस नजारे को देखने के लिए लोग बुधवार को सुबह से जुटे हुए थे. हालांकि,कोरोना व बादलों के कारण 2019 की अपेक्षा जहां इस वर्ष विशेषज्ञ एवं खगोल शास्त्री नहीं आ सके,
वहीं सूर्य के इस अद्भुत नजारों को लोग साफ से नहीं देख पायें. बादलों के कारण खगोल प्रेमी कुछ देर निराश तो हुए, पर आखिरकार सूर्य ने इन खगोल प्रेमियों को खुश कर ही दिया. उत्तरायण से दक्षिणायन जाने के सूर्य के इस नजारे को देख काफी खुश हो उठे. सुबह से ही बादल छाए हुए थे. लेकिन सूर्य का सौंदर्य रूप देखने के लिए लोग 8:00 बजे सुबह तक इंतजार किया .
हालांकि कुछ लोग बादल नहीं छंटने के कारण 6:30 बजे अपने- अपने घर निराश होमर चले गए थे .लेकिन सूर्य की अद्भुत नजारा देखने की जिद्दी जिनके अंदर थी ,वे बादलों को छंटने का इंतजार कर ही रहे थे .तत्पश्चात धीरे-धीरे बादल छटने लगा .और अपनी सौंदर्य रूप लेते हुए सूर्य दिखाई दिया.
क्या है इक्विनॉक्स
खगोल शास्त्र के अनुसार, हर 21 मार्च एवं 23 सितंबर को रात- दिन बराबर होने के कारण सूर्य की किरणें विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है. ऐसी स्थिति में कोई भी धुर्व सूर्य की ओर नहीं झुका होता है. इस कारण पृथ्वी पर दिन एवं रात बराबर होते हैं. 23 सितंबर को उतरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में वसंत ऋतु होती है.
21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है. जब उतरी गोलार्र्द्ध में वसंत ऋतु एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है. इस कारण पृथ्वी की घूर्णन एवं परिक्रमण गति के कारण दिन- रात एवं ऋतुओं में परिवर्तन होता है. यही कारण है कि 21 मार्च को दिन और रात बराबर होती है. इसलिए सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर करवट लेते दिखाई पड़ता है.