योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिम्मा अडानी समूह को दिया गया है। ऐसे में प्रयागराज से मेरठ तक प्रस्तावित 594 किमी लंबे छह लेन गंगा एक्सप्रेसवे को अडानी समूह व आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स बनाएगा। बता दें कि यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी इसी साल दिसंबर के अंत तक कर सकते हैं।
2023 तक बनाने का लक्ष्य: करीब 36,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना को चार चरणों में पूरा किया जायेगा। साथ ही इसे दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक कॉरिडोर बनाये जाएंगे। बता दें कि यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और चार ग्रुप में बांटा है।
चार चरणों में होगा काम: जिसमें पहले चरण का काम मेरठ से अमरोहा तक आईआरबी को मिला है। अमरोहा से प्रयागराज तक तीन चरणों का काम अडानी इंटरप्राइजेज को दिया गया है। इसमें जहां आईआरबी समूह 5,039 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य करेगा, वहीं अडानी अन्य तीन चरणों में 5,647 रुपये, 5,810 रुपये और 5,626 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्माण का प्रस्ताव है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: बता दें कि 16 नवंबर को पीएम मोदी ने लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। जानकारी के मुताबिक 22 हजार करोड़ रुपये में यह बनकर तैयार हुआ है। इससे 9 जनपदों को जोड़ने में मदद मिलेगी साथ ही यह लखनऊ को उन शहरों से भी जोड़ेगा जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं। भाजपा का दावा है कि यह यूपी में लाखों करोड़ रुपये के निवेश का माध्यम बनेगा।
यूपी विधानसभा चुनाव पर भी निशाना: दरअसल भाजपा गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए पश्चिमी यूपी में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर एक सप्ताह से भी कम समय पहले राज्य पर्यावरण मूल्यांकन प्राधिकरण ने इस परियोजना को अपनी मंजूरी दी है। सूत्रों का कहना है कि इसकी आधारशिला पीएम मोदी द्वारा जल्द ही रखी जायेगी।