वारिस पंजाब दे का मुखिया और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार तलाशी अभियान चला रही है। इस बीच पंजाब पुलिस ने तरनतारन, फिरोजपुर, अमृतसर, मोहाली, मोगा और संगरूर में इंटरनेट सेवाओं को 23 मार्च तक प्रतिबंधित कर दिया है। ताजा आदेश के मुताबिक, इंटरनेट सेवाएं गुरुवार दोपहर 12 बजे तक स्थगित रहेंगी। हालांकि, पंजाब के अन्य जिलों में इंटरनेट सेवाओं को दोबारा जारी कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर रची जा रही माहौल बिगाड़ने की साजिश
पंजाब पुलिस की ओर से मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि पंजाब में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने और राज्य में अशांति फैलाने के लिए बड़ी साजिश रची ला रही है। कुछ लोग व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और मैसेज के जरिए अफवाहें फैलाने का प्रयास कर रहे हैं और भीड़ को भड़काने का काम कर रहे हैं। डीजीपी पंजाब ने कहा है कि पंजाब का माहौल खराब करने वालों पर पुलिस नजर बनाए हुए है और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। आदेश में कहा गया है कि वाईपीएस चौक और एयरपोर्ट रोड पर भी इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है। यह प्रतिबंध 23 मार्च दोपहर 12 बजे तक लागू रहेगा।
अब तक 114 गिरफ्तारियां
अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई बढ़ती ही जा रही है। अब तक इस मामले में 114 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी की गिरफ्तारी शांति और सद्भाव भंग करने के आरोप में हुई है। पुलिस ने पहले दिन 78 लोगों को गिरफ्तार किया था, इसके अलगे दिन रविवार को 34 तो सोमवार को दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान पुलिस को 10 हथियार भी बरामद हुए हैं। बता दें, लागतार कार्रवाईयों के बीच अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस हरजीत को लजेकर डिब्रूगढ़ जेल पहुंची है।
सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था अमृतपाल
बता दें, अमृतपाल पर सुरक्षा एजेंसियां काफी लंबे समय से नजर बनाए हुई थीं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, अमृतपाल के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़े हुए हैं। इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि अमृतपाल को विदेश से फंडिंग हो रही थी, जिसका मकसद देश में खालिस्तानी विचारधारा को बढ़ावा देना और युवाओं को अपने खतरनाक इरादों को पूरा करने के लिए ट्रेनिंग देना था।