वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि सर्वे के दौरान जो संरचना मिली है वो शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है। कोर्ट के आयुक्त द्वारा दावा क्यों नहीं उठाया गया। असदुद्दीन ओवैसी ने शिवलिंग मिलने के दावे को नकारते हुए कहा कि मस्जिद कमेटी की ओर से बताया गया है कि मस्जिद में शिवलिंग नहीं, फव्वारा था। उन्होंने कहा कि हर मस्जिद में फव्वारा होता है।
कोर्ट का आदेश 1991 में बने कानून के खिलाफ
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर ने शिवलिंग मिलने का दावा अदालत में नहीं किया। लेकिन हिंदू पक्ष के वकील ने कोर्ट में जाकर शिवलिंग मिलने का दावा किया। इस पर कोर्ट ने उस स्थान को सील करने का आदेश दे दिया। ये आदेश 1991 के संसद में बने कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा, अगर मस्जिद में शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी। निचली अदालत का फैसला संसद के 91 एक्ट का उल्लंघन है। ओवैसी ने कहा, मोदी जी बोल दें कि वे 1991 का आदेश नहीं मानेंगे। उसे गंगा में बहा दीजिए।
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सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से एक दिन पहले यह फैसला आया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ कल 17 मई को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई करेगी। हालांकि, तीन दिन लंबा सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। मस्जिद अधिकारियों की आपत्तियों के बावजूद सर्वेक्षण जारी रखने के वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश के अनुसार सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण के समापन के बाद, वाराणसी की अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को आदेश दिया, ‘जहां शिवलिंग पाया गया था, उस क्षेत्र को सील किया जाए और लोगों को उस स्थान पर जाने से रोका जाए।’