असम – 5 दिन की हिरासत में भेजे गए विधायक जिग्नेश मेवाणी, पुलिस पर हमला करने का लगा है आरोप

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गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. अब असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने पुलिस के साथ मारपीट मामले में उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है. मेवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ ट्वीट से संबंधित एक मामले में सोमवार को स्थानीय अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद असम पुलिस ने उन्हें चार दिन पहले एक महिला पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोप में फिर गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस ने कहा कि संबंधित अधिकारी ने कांग्रेस समर्थित विधायक मेवाणी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उसके बाद उनके खिलाफ लोक सेवक को कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने, जानबूझकर चोट पहुंचाने आदि के आरोप में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

बारपेटा रोड थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार कथित घटना उस समय हुई जब महिला अधिकारी 21 अप्रैल को एक सरकारी वाहन में दलित नेता को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पनेसर और एक अन्य अधिकारी के साथ गुवाहाटी हवाई अड्डे से कोकराझार ले जा रही थीं. मेवाणी के वकील अंगशुमन बोरा ने कहा कि मेवाणी के खिलाफ आरोप हैं और जब वह तीन दिनों तक पुलिस हिरासत में थे या जिस समय उनकी जमानत याचिका पर कोकराझार अदालत में बहस चल रही थी, उस समय बारपेटा मामले का कोई जिक्र नहीं था. बोरा ने कहा कि अचानक जमानत मिलने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.

30,000 रुपये के मुचलके पर मिली थी जमानत

कोकराझार प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना काकोटी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके ट्वीट से संबंधित मामले में दो जमानतों के साथ 30,000 रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी. अदालत ने उन्हें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को प्रलोभन, सार्वजनिक धमकी या वादा नहीं करने का निर्देश दिया. उन्हें अदालत से पूर्व अनुमति के बिना वह स्थान नहीं छोड़ने के लिए भी कहा गया था;बीजेपी की ओर से मेरी छवि खराब करने की साजिश है

कोकराझार से एक वैन में बारपेटा जिला ले जाते समय मेवाणी ने आरोप लगाया कि यह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से मेरी छवि खराब करने और मुझे सुनियोजित तरीके से तबाह करने की साजिश है मेवाणी ने संवाददाताओं से कहा, उन्होंने (भाजपा और आरएसएस ने) रोहित वेमुला, चंद्रशेखर आजाद के साथ ऐसा ही किया और अब वे मुझे निशाना बना रहे हैं. उन्हें दलितों के साथ गंभीर समस्या है. हम भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को सावरकर ने निशाना बनाया था और मोदी, जिग्नेश मेवाणी को निशाना बना रहे है.

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